Special Story

40 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, एक दंपति भी शामिल

40 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, एक दंपति भी शामिल

ShivApr 18, 20251 min read

सुकमा।  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल विरोधी अभियान को…

Ex-IAS अनिल टुटेजा के घर पर CBI की दबिश, खंगाले जा रहे हैं दस्तावेज…

Ex-IAS अनिल टुटेजा के घर पर CBI की दबिश, खंगाले जा रहे हैं दस्तावेज…

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को…

April 18, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मांगा ब्यौरा

नई दिल्ली/रायपुर।   छत्तीसगढ़ के विकास के लिए सतत् प्रयासरत रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संसद के प्रश्नकाल के दौरान केंद्र सरकार से राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मांगी।

सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से प्रश्न पूछते हुए सांसद श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों चित्रकोट जलप्रपात, सिरपुर, बस्तर आदि के विकास के लिए सरकार की कार्ययोजना का ब्यौरा मांगा। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या केंद्र सरकार राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष पैकेज जारी करने पर विचार कर रही है।

सांसद श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की आधारभूत संरचना जैसे सड़क, परिवहन, होटल और सुरक्षा सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में की जा रही पहल की जानकारी भी मांगी। उन्होंने ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए विशेष अनुदान दिए जाने की संभावना पर भी सवाल उठाया। साथ ही विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे प्रचार अभियान की भी जानकारी मांगी।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने दी विस्तृत जानकारी

सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवालों के जवाब में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत के बाद से देशभर में 5287 करोड़ रुपये की लागत से 76 पर्यटन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ में भी एक परियोजना शामिल है।

तीर्थ स्थल जीर्णोद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन (प्रशाद) योजना के तहत देशभर में 1620.21 करोड़ रुपये की लागत से 48 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ में भी एक परियोजना शामिल है।

शेखावत ने बताया कि वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास की विशेष योजना एसएएससीआई के तहत छत्तीसगढ़ में दो परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है, जो कुल 3295.76 करोड़ रुपये की लागत से 40 परियोजनाओं का हिस्सा हैं।

छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास के प्रमुख प्रोजेक्ट

मंत्री शेखावत ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में जनजातीय परिपथ (Tribal Circuit) के तहत 96.10 करोड़ रुपये की लागत से जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, कमलेशपुर, महेशपुर, सरोधादादर, गंगरेल, कोंडागांव, नथियानवागांव, जगदलपुर, चित्रकूट और तीर्थगढ़ के पर्यटन विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसके अलावा, प्रशाद योजना के तहत 44.84 करोड़ रुपये की लागत से मां बमलेश्वरी मंदिर में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

इतना ही नहीं एसएएससीआई के तहत 95.79 करोड़ रुपये की लागत से रायपुर में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का विकास और 51.87 करोड़ रुपये की लागत से रायपुर में जनजातीय और सांस्कृतिक सम्मेलन केंद्र का निर्माण किया जा रहा है।

पर्यटन से जुड़े स्थानीय कारीगरों और गाइडों के लिए प्रशिक्षण योजना

सांसद श्री अग्रवाल द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के पर्यटन से जुड़े स्थानीय कारीगरों, कलाकारों और गाइडों के लिए कोई विशेष प्रशिक्षण या वित्तीय सहायता योजना संचालित नहीं की जा रही है। हालांकि, हुनर से रोजगार तक कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों में कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इसके अतिरिक्त, अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा प्रदाता प्रमाणन कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित और पेशेवर पर्यटक सुविधा प्रदाताओं को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए जोड़ा जा रहा है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दिया धन्यवाद, छत्तीसगढ़ के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की अपील

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपार प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरें हैं, जिन्हें उचित सुविधाएं और योजनाएं मिलने पर वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जा सकता है।

उन्होंने पर्यटन मंत्री से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ को धार्मिक, सांस्कृतिक और इको-टूरिज्म के लिए विशेष पैकेज दिया जाए और पर्यटन से जुड़े स्थानीय कारीगरों और गाइडों के लिए प्रशिक्षण योजनाओं को लागू किया जाए।