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मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

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ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

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ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 15, 2025

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वन अधिकार अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु आदिम जाति विकास विभाग और एनजीओ एटीआरईई के मध्य हुआ एम.ओ.यू

रायपुर।   छत्तीसगढ़ में वन अधिकार अधिनियम-2006 के बेहतर कियान्वयन हेतु आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग और स्वयं सेवी संस्था अशोका ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एण्ड एनवायरोमेंट (एटीआरईई) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ है। विभागीय मंत्री रामविचार नेताम एवं विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की उपस्थिति में एटीआरईई के प्रतिनिधि डॉ. शरतचंद्र लेले एवं विभाग की ओर से सचिव सह आयुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू का कार्यक्रम मंत्रालय महानदी भवन में सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि यह समझौता वन अधिकार अधिनियम-2006 के उचित अनुपालन में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर), सीएफआर प्रबंधन एवं वन अधिकार पत्रों के आनॅलाइन डिजिटाइजेशन के संबंध में जमीनी स्तर पर अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब इस समझौते के माध्यम से एफआरए अधिनियम के उचित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम केन्द्र एवं राज्य शासन की एक महत्वाकांक्षी योजना है। अतः इसके उचित कियान्वयन में सबका समन्वित प्रयास अत्यंत आवश्यक है।

इस समझौते के माध्यम से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर) प्रकरणों में त्रुटियों की पहचान और समाधान करने के लिए विभाग को जमीनी स्तर के अनुभव के आधार पर सलाह प्रदाय करेगा। इसके अलावा विभाग द्वारा विकसित किये जाने वाले एफआरए एटलस के लिए एटीआरईई के द्वारा जिला स्तरीय सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर) संभावित ग्रामों का मानचित्र एवं डाटा भी प्रदाय किया जाएगा। साथ ही विभाग द्वारा (सीएफआरआर) के अंतर्गत परंपरागत सीमा के संबंध में विकसित किये जा रहे भौगोलिक सूचना प्रणाली (वेबजीआईएस) के पोर्टल के लिए आवश्यकतानुसार तकनीकी सलाह भी प्रदाय करेगा। इसके अलावा सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन और गौण वनोपज आधारित आजीविका वृद्धि की सुविधा के लिए नीतियों और कार्यक्रमों में सुधार पर विभाग को सुझाव देगा। साथ ही अन्य राज्यों के क्षेत्रीय अनुभव और उत्तम पहल के आधार पर सीआरएफ प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए संस्थागत व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के उपायो के संबंध में भी विभाग को सुझाव प्रदान करेगा।