Special Story

गजराज का आतंक… किसान के घर में की तोड़फोड़, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

गजराज का आतंक… किसान के घर में की तोड़फोड़, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

ShivJun 15, 20251 min read

बलरामपुर।  वाड्रफनगर वन क्षेत्र के कैलाशपुर गांव में फिर से…

स्कार्फ बांधकर स्कूटी चलाने पर जुर्माने की कार्रवाई, दुर्ग पुलिस ने काटा चालान

स्कार्फ बांधकर स्कूटी चलाने पर जुर्माने की कार्रवाई, दुर्ग पुलिस ने काटा चालान

ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। यातायात पुलिस द्वारा जिले की यातायात व्यवस्था को सुगम…

रफ्तार का कहर : बालोद, कोंडागांव और सरगुजा में सड़क हादसे, 4 लोगों की मौत

रफ्तार का कहर : बालोद, कोंडागांव और सरगुजा में सड़क हादसे, 4 लोगों की मौत

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। प्रदेश में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं…

रायपुर में टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच होगा टी-20 मैच

रायपुर में टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच होगा टी-20 मैच

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर।  क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. रायपुर के…

खनिज माफियाओं में कानून का डर नहीं, गांव में बीच चौराहे पर युवक की मुखबिरी के आरोप में की पिटाई

खनिज माफियाओं में कानून का डर नहीं, गांव में बीच चौराहे पर युवक की मुखबिरी के आरोप में की पिटाई

ShivJun 15, 20251 min read

बलौदाबाजार। गुंडागर्दी का ताजा मामला जिले से सामने आया है।…

केपीएस सरोना के विद्यार्थियों ने नीट 2025 में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

केपीएस सरोना के विद्यार्थियों ने नीट 2025 में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

ShivJun 14, 20252 min read

रायपुर। कृष्णा पब्लिक स्कूल (केपीएस), सरोना के विद्यार्थियों ने एनटीए…

June 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अनुकंपा नियुक्ति मिलते ही मां को भूला बेटा, हाईकोर्ट ने कहा- अब वेतन से कटकर मां के खाते में ट्रांसफर होंगे पैसे

बिलासपुर-  एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि पिता की मौत के बाद मां की देखभाल बेटे का नैतिक और कानूनी दायित्व है. एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति पाने के कुछ दिन बाद बेटे ने मां की देखभाल और खर्च देना बंद कर दिया था. मामले में पुत्र की अपील खारिज कर कोर्ट ने फटकार लगाई, और दस हजार रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया है. भुगतान न करने पर एसईसीएल प्रबंधन को पुत्र के वेतन से कटौती कर सीधे मृतक के आश्रित के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है.

दरअसल, कोरबा क्षेत्र में रहने वाली महिला का पति एसईसीएल दीपका में कर्मचारी था. सेवाकाल के दौरान पति की मौत होने पर उसने अपने बड़े पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने सहमति दी। एसईसीएल के नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला मृतक के आश्रितों की देखभाल करेगा, यदि वह अपने नैतिक व कानूनी दायित्व का उल्लंघन करता है, तो उसके वेतन से 50 प्रतिशत राशि काट कर आश्रितों के खाते में जमा की जाएगी. अनुकंपा नियुक्ति पाने के बाद कुछ दिनों तक वह अपनी माँ और भाई का देखभाल करता रहा। 2022 से उसने मां और भाई को छोड़ दिया।

जिस पर मां ने हाईकोर्ट में एसईसीएल की नीति के अनुसार बेटे के वेतन से कटौती कर 20 हजार रुपए प्रति माह दिलाये जाने याचिका दायर की. मामले में एसईसीएल ने जवाब में कहा कि नीति के अनुसार सहमति का उल्लंघन करने पर 50 प्रतिशत राशि काट कर मृतक के आश्रितों के खाते में जमा की जा सकती है. एसईसीएल के जवाब पर पुत्र ने कहा की याचिकाकर्ता को 5500 रुपये पेंशन मिल रही है. इसके अलावा मृतक के सेवानिवृत्त देयक की राशि भी उन्हें मिली है. इससे वह अपनी देखभाल कर सकती है, पुत्र ने 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने कोर्ट में सहमति दी. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मां के पक्ष में फैसला दिया. हाईकोर्ट की एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ बेटे ने डीबी में अपील की.

उसने अपील में कहा कि उसे 79 हजार नहीं बल्कि 47 हजार रुपये वेतन मिलता है, इसमें भी ईएमआई कट रही है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी ने कहा, मां की सहमति से नियुक्ति मिली है, 10 हजार रुपए देने की पुत्र ने सहमति भी दी है. इसलिए खर्च के लिए राशि देना होगा, कोर्ट ने फटकार लगाते हुए पुत्र की अपील को खारिज कर दिया.