Special Story

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पोटाश बम से घायल हाथी की सलामती में जुटे 30 से ज्यादा अफसर, कर्मचारी और एक डॉक्टर, स्थिति में आई सुधार, CCF ने शावक का नाम रखा अघन

गरियाबंद।  पोटाश बम से घायल हाथी शावक के रेस्क्यू का आज तीसरा दिन था. घायल शावक को भले उसकी मां और झुंड छोड़कर चला गया हो पर उदंती सीता नदी अभ्यारण नन्हें शावक को भरपूर दुलार दे रही है. शावक की सलामती में उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में 30 अफसर, कर्मी के अलावा दो महावत व वाइल्ड लाइफ चिकित्सक डॉक्टर राकेश वर्मा 24 घंटे शावक की निगरानी व उसके मूमेंट में लगे हुए हैं.

शुरू के दो दिनों तक शावक का व्यवहार टीम को अटपटा लग रहा था, पर अब शावक भी माहौल में घुल मिल गया है. आज ऑपरेशन को देखने सीसीएफ सतोविषा समाजदार रिसगांव रेंज के सालेहभाठ पहुंची थी. शावक को स्वास्थ्य करने चलाए जा रहे अभियान को करीब से देखा. शावक के सकारात्मक व्यवहार को देखते हुए महिला अफसर अपने आप को रोक नहीं पाई और शावक का नामकरण कर अघन नाम रख दिया.

मां 5 किमी दायरे में, दल का मूवमेंट भी बदला

मामले में उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि मां को ट्रैक्टर टीम ने 5 किमी की परिधि में ट्रैक किया है. आमामोरा ओड से आगे बढ़ चुके दल का मूवमेंट भी बदला हुआ है. दल वापस हो रही है. स्वस्थ होने में शावक को सप्ताहभर का समय लग जाएगा. स्थिति में उसकी सुधार आ रही है. ठीक होते ही शावक को मां से मिला देंगे.

बेहोश नहीं सोने वाली एनस्थीसिया का किया उपयोग

उपचार कर रहे डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि हाथी को डॉट करने पहली बार डीस एसेटिव एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया गया. शावक कमजोर था इसलिए उसे पूरी बेहोश के बजाए नींद आने इस दवा का इस्तेमाल हुआ. हाथी को ड्रिप लगाए जा रहे. एंटीबायोटिक के अलावा जीभ के छाले भरने उसे हल्दी और ग्लिसरीन लगाया गया है.हाथी की हालत में सुधार दिख रहा है.