जाति जनगणना कराएगी मोदी सरकार, कैबिनेट बैठक में लिया फैसला, आजाद भारत में पहली बार होगा

नई दिल्ली। मोदी सरकार जाति जनगणना कराएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को ‘सुपर कैबिनेट’ मीटिंग में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया गया। आजाद भारत में पहली बार जाति जनगणना होगा।
बता दें कि विपक्षी दलों की तरफ से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार सरकार पर इसे लेकर हमलावर थे। बिहार चुनाव से पहले इसे मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार में महागठबंधन के सरकार के दौरान नीतीश कुमार के कैबिनेट जातिगत सर्वे करवाया था, जिसके बाद से देश भर में इसे करवाने की मांग हो रही थी।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को ‘सुपर कैबिनेट’ मीटिंग हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ टॉप मंत्री मौजूद थे। इसमें जाति जणगना समेत कई अहम फैसले लिया गया। सरकार ने जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराने का भी फैसला लिया। मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि आने वाली जणगना में जातियों की गणना भी कराई जाएगी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट मीटिंग की ब्रीफिंग करते हुए बताया कि आज हुई कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अगली जनगणना में जातीय गणना को शामिल किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब तक जातीय जनगणना मूल जनगणना का हिस्सा नहीं रही है। उन्होंने कहा, “कुछ राज्यों ने जातीय सर्वे अपने स्तर पर किया है, लेकिन सामाजिक ताने-बाने को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण जरूरी है. CCPA ने तय किया है कि अब जातियों की गिनती अगली जनगणना में की जाएगी, किसी अलग सर्वे के तहत नहीं।
कांग्रेस पर निशाना साधा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं की है। कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया। यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।
कैबिनेट के अन्य 2 बड़े फैसले
- शिलॉन्ग से सिलचर (मेघालय-असम) हाईस्पीड कॉरिडोर बनेगा। ये 166 किमी का और 6 लेन का रहेगा। नॉर्थईस्ट के लिए अहम रहेगा। इसमें 22 हजार 864 करोड़ लागत आएगी।
- सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने की फेयर और रिम्युनरेटिव (सही और पारिश्रमिक संबंधी) कीमतें तय की हैं। इसमें गन्ने का मूल्य 355 रुपए क्विंटल तय किया गया है। ये मानक कीमत है, इससे नीचे के दाम पर गन्ना नहीं खरीदा जा सकेगा।