डेन्टल इम्प्लांट की आधुनिक तकनीक आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में होगी मददगार : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई तकनीकी और नवाचार के लिए कई अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने गरीब तबके के लिये स्वास्थ्य क्षेत्र में वरदान बन रही आयुष्मान योजना की शुरूआत की, जिसमें 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हाल ही में घोषणा की गई है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाचार, नवीन तकनीक के साथ अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित करते हैं। बदलते दौर में दांतों का इलाज अपना एक अलग महत्व रखता है। डेन्टल इम्प्लांट की आधुनिक तकनीक आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आईएसओआई (इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजिस्ट्स) की तीन दिवसीय 30वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। “स्मार्ट इम्प्लांट सिस्टम और सही प्लानिंग” विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ता एवं बड़ी संख्या में दंत रोग विशेषज्ञ उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य शिक्षा को जोड़ते हुए इसे प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रयास किये गये हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा का सभी को समुचित लाभ मिले इसके लिये हेल्थ एजुकेशन के क्षेत्र में राज्य सरकार ने कई नवाचार किए हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना में दांतों के इलाज को भी जोड़े जाने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंभीर रोगियों के लिये पीएमश्री एयर एंबुलेंस की सुविधा प्रारंभ की गई हैं। मध्यप्रदेश में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज के माध्यम से भी आम जनता तक बेहतर चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने की विशेष पहल की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्फ्रेंस परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कॉन्फ्रेंस आर्गेनाइजिंग चेयरमेन डॉ. मनीष वर्मा ने कॉन्फ्रेंस आयोजन के उद्देश्य पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए स्वागत उद्बोधन दिया। डॉ. शरद शेट्टी ने संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सेक्रेटरी डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के तहत पहले दिन 18 सेशन और करीब 100 पेपर का प्रेजेंटेशन हुआ। साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. शालीन खेत्रपाल ने बताया कि एक सत्र इंडस्ट्री आधारित भी था, जिसमें दंत रोग विशेषज्ञों के साथ ही इम्प्लांट बनाने वाली कंपनियों के टेक्नीशियन भी उपस्थित थे।
कांफ्रेस में इजराइल से आये डॉक्टर स्लोमो बिरसन ने बताया कि इम्प्लांट की तकनीक बदल रही है। उन्होंने डॉक्टर्स को डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में हर दिन होने वाले तकनीकी नवाचारों और मेडिसिन के बारे में अपडेट रहने की सलाह दी। बताया गया कि अब मात्र तीन घंटों में मरीज के पूरे दांत लगाए जा सकते हैं। कॉन्फ्रेस में डॉ. सुदीप बोपारदीकर ने इम्प्लांट के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने दंत प्रत्यारोपण को बेहतर और प्रभावी तरीके से तैयार करने की बात कही।
आईएसओआई द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस में डेंटल इम्प्लांट्स में मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के उद्देश्य से देश के टॉप इंप्लांटोलॉजिस्ट्स शामिल हुए। यह कॉन्फ्रेंस 29 सितंबर तक जारी रहेगी। कॉन्फ्रेंस में 800 से अधिक डेंटिस्ट शामिल हुए।यहां 60 से ज्यादा नेशनल और इंटरनेशनल डेंटल इम्प्लांट्स की कंपनियों ने ट्रेड फेयर में भी हिस्सा लिया। इस दौरान साइंटिफिक सेशंस, 40 से अधिक नेशनल और इंटरनेशल स्पीकर्स ने अपने वर्षों की प्रेक्टिस से मिले अनुभव साझा किये। लाइव वर्कशॉप से स्टूडेंट्स को इंप्लांट लगाने की ट्रेनिंग भी दी गई। साथ ही मेक इन इंडिया को प्रमोट करते हुए भारत में ही गुणवत्तापूर्ण और सर्टिफाइड डेंटल इम्प्लांट बनाने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया गया। इसका लाभ आम लोगों को किफायती इलाज के रूप में मिल सकेगा।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, गौरव रणदिवे, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता तथा कलेक्टर आशीष सिंह उपस्थित थे।