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छत्तीसगढ़ के विकास के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने की केंद्रीय मंत्रियों से महत्वपूर्ण भेंट

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ShivMay 21, 20252 min read

नई दिल्ली/रायपुर।   रायपुर के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन…

शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने युक्तियुक्तकरण जरूरी

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ShivMay 21, 20253 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर…

डिलीवरी बॉय से मारपीट कर लूट, पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार

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ShivMay 21, 20252 min read

भानुप्रतापपुर। ई-कार्ट डिलीवरी बॉय से लूटपाट कर फरार हुए चार…

गांजा तस्करी के आरोप में आरक्षक गिरफ्तार, ओडिशा से लाकर करवाता था सप्लाई

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ShivMay 21, 20251 min read

मनेंद्रगढ़। पैसों का लालच अच्छे-अच्छों को रास्ते से भटका देता…

राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र शुक्ल को कार्यकाल पूर्ण होने पर दी गई भावभीनी विदाई

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ShivMay 21, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र शुक्ल को उनके कार्यकाल…

May 21, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भूपेश सरकार में सम्मान के लिए लड़ते रहे मीसाबंदी, अब विष्‍णुदेव सरकार में मिली पांच साल की पेंशन

रायपुर-  पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में आपातकाल के मीसाबंदी (लोकतंत्र सेनानी) पांच साल तक अपने सम्मान निधि के लिए लड़ते रहे। पिछली सरकार ने सम्मान निधि यानी पेंशन देना बंद कर दिया था। पेंशन बहाल करने के लिए मीसाबंदी उच्च न्यायालय और उच्च्चतम न्यायालय न्याय के लिए दरवाजा खटखटाते रहे। इस दौरान प्रदेश में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार आते ही उन्हें पांच साल की एकमुश्त पेंशन मिली है।

बतादें कि भाजपा 25 जून को आपातकाल काला दिवस मनाने जा रही है। इसमें मीसाबंदी मोर्चा संभालेंगे। आपातकाल काला दिवस के पहले राज्य सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक एरियर्स और चालू वित्तीय वर्ष में 35 करोड़ 42 लाख 68 हजार रुपये का भुगतान करा दिया है। प्रदेश में 350 मीसाबंदियों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10,000 रुपये, 15,000 रुपये और 25,000 रुपये की पेंशन मिली है।

कोर्ट ने सरकार के निर्णय को बताया था गलत

लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि भूपेश सरकार में बंद हुई आपातकाल के मीसाबंदियों की पेंशन 2019 में यह कह कर बंद कर दी गई थी कि इन आवेदनों की नए सिरे से सत्यापन कराया जाएगा, लेकिन सत्यापन नहीं किया और सम्मान निधि भी नहीं दी। मीसाबंदियों ने प्रदर्शन किया और जब सरकार नहीं मानी तो सभी हाई कोर्ट में अर्जी लगाई। हाई कोर्ट बिलासपुर ने सत्यापन के निर्देश दिए।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भूपेश सरकार ने पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह की सरकार में मीसाबंदियों के लिए पेंशन देने वाले आदेश को ही निरस्त करा दिया। इसके बाद भी मीसाबंदी हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में गए। कोर्ट ने भी सरकार के निर्णय को गलत बताया और इसके बाद डबल बेंच ने सुनवाई की और सिंगल बेंच के आदेश को यथावत किया। सरकार मीसाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो यहां मामला लंबित रहा। हालांकि विष्णु देव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस की और पिछले पांच साल की राशि एक साथ दी।