मंत्री तोखन साहू ने लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए रूस में किए गए MoU को बताया असंवैधानिक, मेयर ढेबर ने दिया जवाब
रायपुर। रशिया में महापौर एजाज ढेबर द्वारा किए गए एमओयू को असंवैधानिक करार बताया जा रहा है। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि महापौर द्वारा लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए किया गया एमओयू असंवैधानिक है। केंद्र व राज्य सरकार की बिना अनुमति के इस तरह एमओयू नहीं किया जा सकता है। यह एमओयू नहीं, बल्कि जनता और देश का अपमान है। उन्होंने अपने निजी दौरे में कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है।
वहीं, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि महापौर ने जनता के साथ भद्दा मजाक किया है। उनके द्वारा न तो राज्य सरकार से कोई अनुमति ली गई और न ही केंद्र सरकार से कोई अनुमति प्राप्त है। यह चुनावी दिखावा है। इस एमओयू का कोई आधार नहीं है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को महापौर द्वारा किए गए एमओयू के बाद बवाल बचा हुआ है। भाजपाई नेता एमओयू को लेकर आक्रामक हो चुके हैं।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोंचे, मेरा निजी दौरा नहीं
इधर, महापौर एजाज ढेबर का पूरे मामले में कहना है कि रशिया जाना उनका निजी दौरा नहीं है। भाजपा नेताओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोंचने की जरूरत है। मुझे यहां की सरकार ने निमंत्रण भेजा है, तब मैं आया हूं। मैं यहां अपने खर्चे से नहीं आया हूं, मैं रायपुर आकर विस्तार से सभी दस्तावेज पेश करूंगा।2024-25 निगम बजट में लाइट मेट्रो ट्रेन का प्रस्ताव शामिल है। सामान्य सभा में इसे पास किया गया। इस पर चर्चा भी हुई थी। मैंने मास्को की यात्रा का भी जिक्र किया था।
व्यक्तिगत यात्रा में एमओयू की वैधता नहीं
भाजपा विधायक राजेश मूणत का इस मामले में कहना है कि व्यक्तिगत यात्रा में एमओयू की बैधता नहीं है। महापौर वहां के कार्यक्रम में सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। वहीं, निगम की नेताप्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि महापौर की एमआइसी को ही उनके दौरे की जानकारी नहीं है, तो फिर यह उनका व्यक्तिगत दौरा कैसे नहीं हुआ।
छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक कुंदन कुमार ने कहा, महापौर के मास्को दौरे की जानकारी विभाग को नहीं है। उनके द्वारा इस संबंध में कोई आफिशियल जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। नियमानुसार उनके द्वारा इस तरह के एमओयू नहीं किए जा सकते हैं। इस संबंध में भारत सरकार और राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है। बाकी बातें दस्तावेज देखने के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगी।
जाने विशेषज्ञों की राय
– दूसरे देश में जाकर एमओयू करने से पहले राज्य और केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी।
– राज्य सरकार की अनुमति लेकर ही दूसरे देश में जाना अधिकृत यात्रा में आता है।
– आफिशियल दौरे से पहले संबंधित विभाग और सीएम की अनुमति आवश्यक होती है।
– इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए बड़े फंड की आवश्यकता होती है, बिना राज्य और केंद्र सरकार के यह संभव नहीं है।
– इस तरह के एमओयू के लिए सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी जरूरी होती है।