ग्राम कन्हारपुरी में आयोजित देव दशहरा में शामिल हुए मंत्री द्वय रामविचार नेताम एवं केदार कश्यप
रायपुर। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार जनजाति समाज के समग्र विकास के लिए तत्पर होकर कार्य कर रही है। वे आज आज उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के विकासखण्ड कांकेर के ग्राम कन्हारपुरी में स्वर्गीय रामप्रसाद पोटाई की स्मृति में देव दशहरा एवं क्रीड़ा प्रतियोगिता को सम्बोधित कर रहे थे। श्री नेताम ने इस दौरान उन्होंने देव दशहरा के भव्य आयोजन के लिए 10 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता वन मंत्री केदार कश्यप ने की। इस अवसर पर आदिवासी समाज के देवी-देवताओं की पारंपरिक पूजन के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा क्रीड़ा प्रतियोगिता आयोजित की गई।कृषि मंत्री श्री नेताम ने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार आदिवासियों के विकास और हितों की रक्षा के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। किसानों के लिए 3100 रूपए में धान की खरीदी, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना, तेंदूपत्ता संग्राहक योजना जैसी अनेक अभूतपूर्व योजनाएं हैं जिनसे आदिवासी समाज प्रगति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना एवं अन्य सुविधाएं विकसित करने केन्द्र सरकार पीएम जनमन योजना चला रही है। सभी वर्ग को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, इसके लिए भी सरकार लगातार काम कर ही है।
वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय चूंकि आदिवासी समाज से हैं, इसलिए वह लोगों की पीड़ा को बेहतर ढंग से समझते हैं और समाज के समग्र विकास के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने लोगों से इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पुरोधा जिस संस्कृति को बचाने हेतु लंबी लड़ाई लड़ी, उस परम्परा को बचाए रखना, संरक्षित करना हम सभी जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने कहा कि जल, जंगल जमीन के पुजारी और सेवक आदिवासियों को अपनी पारम्परिक पूजा पद्धति, नियम और रीति-नीति की जानकारी रखते हुए सांस्कृतिक विरासतों से सहेजने व जुड़े रहने की जरूरत है। इस दिशा में केन्द्र व राज्य की सरकार सतत् प्रयास कर रही है। कार्यक्रम को केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम सहित समाज के वरिष्ठजनों भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले, राज्य मत्स्य विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भरत मटियारा, जनपद पंचायत कांकेर के अध्यक्ष रामचरण कोर्राम सहित आदिवासी समाज के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी व ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।