विधानसभा में मंत्री बृजमोहन का ऐलान: छत्तीसगढ़ी भाषा में MA करने वालों को टीचर बनाएगी सरकार
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन सदन में छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई का मुद्दा उठा। विधायक कुंवर निषाद ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि बहुत से युवा हैं जो छत्तीसगढ़ी भाषा की पढ़ाई कर चुके हैं, उन्हें टीचर की जॉब मिलनी चाहिए। इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार तो सरगुजिया, गोंडी तमाम बोलियां में पढ़ाई की तैयारी कर रही है। एमए छत्तीसगढ़ी कर चुके लोगों की भी भर्ती किया जाएगा।
सदन में विधायक हर्षिता स्वामी ने स्कूलों में खरीदारी की गड़बड़ी को लेकर विधायकों की जांच कमेटी बनाने की मांग की। इसके जवाब में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आप शिकायत हमें दे दीजिए, जांच करवा लेंगे।
विधानसभा में उठा छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई का मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज (16 फरवरी) छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई का मुद्दा उठा। विधायक कुंवर सिंह निषाद ने ये मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा देश के हर राज्य में अपनी-अपनी बोली के हिसाब से पढ़ाई होती है। बहुत से युवा हैं जो छत्तीसगढ़ी भाषा की पढ़ाई कर चुके हैं, उन्हें टीचर की जॉब मिलनी चाहिए।
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि कुंवर सिंह निषाद तो सिर्फ छत्तीसगढ़ी की बात कर रहे हैं। हमारी सरकार तो सरगुजिया, गोंडी तमाम बोलियां में पढ़ाई की तैयारी कर रही है। आने वाले समय में हमारी कोशिश है एम ए हिंदी के जो छात्र हैं उनकी संख्या बहुत कम है। उन्हें भी भर्ती में शामिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
कुंवर सिंह के सवाल पर चंद्राकर ने ली चुटकी
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर इस बीच खड़े हुए और चुटकी ली। उन्होंने कहा कि 24-25 साल की हमारे विधानसभा हो रही है। मेरे ख्याल से अब तक का सबसे लंबा प्रश्न करने का रिकॉर्ड कुंवर सिंह निषाद के नाम है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कुंवर सिंह निषाद जी का जो सवाल है वह भावनात्मक रूप से अच्छा है लेकिन हम छत्तीसगढ़िया लोगों को आगे बढ़ना चाहते हैं। पूरे देश की शिक्षा के स्तर पर उन्हें लाना है ।
आत्मानंद स्कूल को छत्तीसगढ़ी आत्मानंद स्कूल क्यों नहीं किया
बृजमोहन ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री बैठे हैं। आत्मानंद स्कूल को छत्तीसगढ़ी आत्मानंद स्कूल क्यों नहीं किया। अंग्रेजी के स्कूल क्यों खोले इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। आखिर जरूरत किस चीज की है। भावना अलग चीज है और छत्तीसगढ़ के बच्चों का भविष्य बनाना उन्हें आगे बढ़ाना राष्ट्रीय स्तर के कंपीटिशन में उन्हें शामिल करना यह अलग चीज है। आपकी भावनाओं से मैं सहमत हूं लेकिन आज के समय में हमें राष्ट्रीय स्तर पर कंपीटिशन में शामिल होना है तो जो इस देश की जरूरत है उसकी शिक्षा देनी जरूरी है।
कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि मैं भावना की बात नहीं कर रहा बोली के सम्मान की बात है। अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी जब तक आठवीं अनुसूची में नहीं जुड़ेगी तो उसे दूसरे प्रदेशों में मान्यता नहीं मिलेगी। हम सब मिलकर उसे आठवीं अनुसूची में जुड़वाने का प्रयास करें।
छत्तीसगढ़ी में डिग्री हासिल कर चुके लोगों को मिले मौका
भूपेश बघेल ने इस पर कहा कि बहुत सारे ऐसे छात्र हैं जो छत्तीसगढ़ी में डिग्री हासिल कर चुके हैं। ऐसे में स्कूलों में उन लोगों को मौका मिलना चाहिए। आप 33000 टीचर्स की भर्ती कर रहे हैं, ठीक है लेकिन छत्तीसगढ़ी में जिन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की है उनको भी अवसर मिलना चाहिए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिन्होंने एमए छत्तीसगढ़ी की है उनकी भी भर्ती की जाएगी।
नयापारा स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठा
विधायक इंद्र साहू ने नयापारा स्वास्थ्य केंद्र को लेकर कहा कि तीन डॉक्टर गैरहाजिर हैं। लंबे समय से चार कर्मचारी दूसरी जगह संलग्न हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के अभाव के कारण लोगों को तकलीफ हो रही है। स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कहा कि संलग्न कारण की वजह से चिकित्सक जो दूसरे स्थान पर संलग्न हैं क्या उन्हें मूल स्थान पर भेजेंगे, यह पूछना चाह रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सभी संलग्न समाप्त करने को लेकर हमने आदेशित किया है। इसका कड़ाई से पालन करवा रहे हैं।
विधायक राकेश सेन की जगह पर अनुज शर्मा ने सवाल पूछा
उन्होंने दुर्ग जिले के सभी स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति पर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि लगभग ढाई सौ से ज्यादा स्कूल प्रभारी के भरोसे चल रहे हैं। प्रधान पाठक या फिर प्राचार्य के पद पर 1500 पद खाली हैं। कितने ऐसे प्रभारी हैं या कितने ऐसे शिक्षक हैं जिनका प्रमोशन ड्यू है और उनके पदों पर प्रमोशन नहीं हो पाया है।
जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रभारी की व्यवस्था अभी 2 महीने में नहीं हुई है। स्वाभाविक रूप से जो सीनियर व्याख्याता होते हैं, उन्हें प्राचार्य का प्रभार दिया जाता है। प्रमोशन की कार्रवाई भी कई सालों से नहीं हुई है। मैंने अपने बजट भाषण में इस बात को कहा है कि 1 साल के अंदर हमारी यह कोशिश होगी कि हम प्रमोशन जितने ज्यादा से ज्यादा किए जा सकते हैं करेंगे।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि आप सक्षम मंत्री हैं। आप 1 साल की बात क्यों कर रहे हैं। आप कहिए कि 6 महीने के अंदर पदों को भरा जाएगा। क्योंकि वर्षो से पेंडिंग है इसको आगे बढ़ाना जरूरी हो गया है ।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आपका आदेश शिरोधार्य है। मैं आपको बताऊं लगभग ढाई लाख हमारे पास शिक्षक हैं। इसलिए कठिनाई है। हमारी कोशिश है जितनी जल्दी हो सके 6 महीने के अंदर हम प्रमोशन की प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
रसोइयों के वेतन भुगतान का मुद्दा उठा
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने रसोइयों के वेतन का समय पर भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया और मंत्री से भुगतान की मांग की। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रसोइयों की तरह मध्यान्ह भोजन बनाने वालों की भी स्थिति है। नवंबर-दिसंबर की राशि एक सप्ताह में मिल जाएगी। इसके लिए हमने जल्द भुगतान की प्रक्रिया कर ली है।
मध्यान भोजन पर बात करते हुए मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारियों के पास वहां के प्राचार्य के पास में या वहां के विकासखंड अधिकारी के पास में जो भी राशि है पेमेंट कर दें। बाद में विभाग की ओर से पेमेंट उपलब्ध करवा दी जाएगी।
बस्तर के मेला मड़ई का फंड बढ़ाने का ऐलान
बीजेपी विधायक किरण देव ने बस्तर दशहरे को लेकर सवाल किया कि वह सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विश्व विख्यात है। 75 दिन का यह आयोजन होता है। साथ ही हमारा जो गोंचा पर्व है, संसाधन और खर्च से बढ़ रहा है। मंत्री जी से मेरा आग्रह है मेला मड़ई उत्सव थोड़ी सी व्यवस्थित रूप से संचालित हो सकें इसके लिए क्या और अधिक राशि अनुदान के रूप में दे सकते हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अभी तक हम बस्तर दशहरे के लिए संस्कृति विभाग से 10 लख रुपए और धर्मस्व विभाग से 25 लख रुपए कुल 35 लाख रुपए देते थे। आने वाले समय पर हम बस्तर दशहरा के लिए 50 लाख रुपए हर साल देंगे। साथ में रामाराम मेला है उसे हम प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए देते हैं। अब आने वाले समय में 15 लाख हर साल देंगे। गोंचा पर्व के लिए 3 लाख दिए जाते हैं, उसे बढ़ाकर 5 लाख कर देंगे। चित्रकोट महोत्सव के लिए 10 लाख की जगह 15 लाख रुपए देंगे।