Special Story

अवैध रेत खनन पर प्रशासन की कार्रवाई: 876 प्रकरणों में 2.69 करोड़ का लगाया जुर्माना

अवैध रेत खनन पर प्रशासन की कार्रवाई: 876 प्रकरणों में 2.69 करोड़ का लगाया जुर्माना

ShivMay 17, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत नियम 2019 के तहत जिला…

आबकारी घोटाला मामले में ACB-EOW का छापा, राज्य के 5 शहरों में दर्जन भर ठिकानों पर दबिश

आबकारी घोटाला मामले में ACB-EOW का छापा, राज्य के 5 शहरों में दर्जन भर ठिकानों पर दबिश

ShivMay 17, 20252 min read

रायपुर/सुकमा। शराब घोटाले मामले में जेल में कैद पूर्व आबकारी…

सात भाजपा मंडलों के पदाधिकारियों की सूची निरस्त, भाजपा प्रदेश कार्यालय से आदेश जारी

सात भाजपा मंडलों के पदाधिकारियों की सूची निरस्त, भाजपा प्रदेश कार्यालय से आदेश जारी

ShivMay 17, 20251 min read

कवर्धा।  छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया व कवर्धा विधानसभा…

May 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

शाम को व्हाट्सएप पर भेजा मैसेज, सुबह होते ही मौके पर पहुंच गए तहसीलदार, हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई रोक

बिलासपुर। तहसीलदार ने शाम 6 बजे व्हाट्सएप में बेदखली नोटिस भेजा और अगले दिन सुबह कार्रवाई प्रारंभ कर दी. इस पर लगाई गई याचिका पर अवकाश के दिन सुबह सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाते हुए बरपाली तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से सोमवार को उपस्थित होने का आदेश दिया है. बता दें कि बरपाली तहसीलदार ने बीते 20 सितंबर की शाम 6 बजे व्हाट्सएप में बेदखली नोटिस भेजा और फिर 21 सितंबर की सुबह कार्रवाई प्रारंभ कर दी, जिसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है.

जानकारी के मुताबिक कोरबा जिला के बरपाली तहसील क्षेत्र के ग्राम कनकी में रहने वाले नूतन राजवाड़े के व्हाट्सएप में बीते 20 सितंबर की शाम 6 बजे के बाद तहसीलदार बरपाली द्वारा सरकारी जमीन से बेदखल करने नोटिस भेजा गया. इस नोटिस में उन्हें खुद से कब्जा हटाने कुछ घंटों का ही समय दिया गया. इसके खिलाफ नूतन राजवाड़े ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए अवकाश के दिन जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की विशेष कोर्ट लगाई गई.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और याचिकाकर्ता की जमीन से बाड़ हटाना शुरू कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता के कब्जे वाली जमीन सरकारी है लेकिन याचिकाकर्ता को उसके स्वामित्व की जमीन के बदले में इसे दिया गया था. तहसीलदार ने छत्तीसगढ़ भूमि राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही में याचिकाकर्ता के खिलाफ 5 अगस्त 2024 को एक आदेश पारित किया है, जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष अपील दायर की है.

सरकारी वकील ने दलील दी कि उन्हें कुछ मिनट पहले ही रिट याचिका की अग्रिम प्रति दी गई है. यह भी कहा कि मोबाइल फोन पर प्राप्त निर्देश के अनुसार, याचिकाकर्ता का अतिक्रमण हटा दिया गया है. मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पीपी साहू ने आदेश में कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखने पर यह मनमानी लग रहा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तक याचिकाकर्ता की भूमि पर कब्जे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने कहा गया है. साथ ही बरपाली तहसीलदार को सोमवार को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने कहा है.