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आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित सामग्री की होगी गुणवत्ता जांच, 15 दिन में मांगी गई रिपोर्ट

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ShivMay 19, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित…

सेंट्रल जेल में बंद युवक की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

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ShivMay 19, 20251 min read

बिलासपुर। सेंट्रल जेल में बंद 22 वर्षीय युवक कन्हैया सोनी…

खेत में लगी प्याज की फसल बचाने गए दंपति पर गिरी आकाशीय बिजली, मौके पर हुई मौत

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ShivMay 19, 20251 min read

कवर्धा।  छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में रविवार को तेज आंधी,…

हृदय स्थल जयस्तंभ चौक की LED हुई चकनाचूर, रिफ्लेक्शन से दुर्घटना की आशंका

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ShivMay 19, 20251 min read

रायपुर।  राजधानी रायपुर का ह्रदयस्थल कहे जाने वाला जयस्तंभ चौक…

May 19, 2025

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खर्चीली शादी से बचने का दिया संदेश : आदिवासी समाज ने किया सामूहिक विवाह का आयोजन, रीति-रिवाज से विवाह के बंधन में बंधे 31 जोड़े

मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में आदिवासी समाज ने एक अनोखा मिसाल पेश करते हुए आदर्श गोंडवाना सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम में 31 जोड़े वर-वधुओं का विवाह हुआ। समाज के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि विवाह को एक आदर्श प्रथा के रूप में स्थापित करने के साथ ही शादियों में होने वाले खर्च से समाज और समाज के व्यक्तियों को खर्च मुक्त विवाह का वातावरण बनाना है।

कार्यक्रम में पहुंचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि समाज सुधार की दिशा में आदिवासी समाज का यह कदम निश्चित तौर पर अन्य समाजों के लिए भी प्रेरणादायक है। विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि समाज की ओर आयोजित इस कार्यक्रम के वर वधुओं को मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत लाभ दिया गया। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने दूल्हे-दुल्हन को उपहार भेंट कर आशीर्वाद भी दिया।

सामाजिक पदाधिकारियों ने कही ये बात…

केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली के जिला मीडिया प्रभारी कृष्णा ध्रुव ने कहा कि दिखावे के लिए हमारे समाज के लोग डीजे, टेंट से लेकर धूमधाम से शादी करने के चक्कर में अत्यंत ही खर्चीली शादी करते हैं। यही वजह है कि शादी के बाद फिर कमाने खाने के लिए पलायन करने की नौबत आ जाती है, जिससे छुटकारा पाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

वीरेंद्र मरावी, जिला अध्यक्ष केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी के लोग धूमधाम से शादी तो करते हैं, लेकिन उसके बाद इसकी कीमत माता -पिता को बहुत ही नुकसान दायक के रूप में चुकानी पड़ती है। एक वर्ग समाज में ऐसा भी होता है कि रोजमर्रा कमाई करके गुजर बसर करते हैं, लेकिन विवाह के कार्यक्रम में रिश्तेदारों को समाज के लोगों को बड़ी संख्या में भोजन कराना पड़ता है, जिससे बड़े पैमाने पर खर्च होते हैं।

सुभाष परते, प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज युवा प्रकोष्ठ ने कहा, आधुनिकता के इस दौर में हमारे समाज में आज भी गोंडीय रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न होता है। समाज के युवा से लेकर हर वर्ग के लोगों ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभगिता निभाई है, तब कहीं जाकर भव्य आयोजन हो पाया है। इसमें जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने हम सबका हौसला बढ़ाया है। आने वाले समय मे बड़ी संख्या में जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जाएगा, ताकि हमारा यह सामाजिक कार्य खर्च मुक्त विवाह के उद्देश्य को पूर्ण कर सके।