Special Story

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

ShivApr 19, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस को नशे के…

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

प्रथम अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस पर केन्द्रीय जेल रायपुर में ध्यान एवं योग शिविर का आयोजन

रायपुर।  केन्द्रीय जेल रायपुर में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर ध्यान एवं योग शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का संचालन योग आयोग के पूर्व सदस्य एवं आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक श्री अजय सिंह ने किया। शिविर में लगभग 200 बंदियों एवं जेल के अधिकारी-कर्मचारियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर प्रशिक्षक अजय सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है ताकि ध्यान के लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि ध्यान मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक शांति और शारीरिक विश्राम प्रदान करने का प्रभावी साधन है। यह तनाव कम करने, भावनात्मक संतुलन सुधारने और बेहतर नींद के लिए सहायक होता है। उन्होंने बंदियों को ध्यान और योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी।

प्रशिक्षक अजय सिंह ने यह भी बताया कि इस ऐतिहासिक दिवस पर पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होंगे। इस कार्यक्रम से 180 देशों के लोग ऑनलाइन जुड़ेंगे। इसी क्रम में केन्द्रीय जेल रायपुर में यह शिविर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य बंदियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करना है।

जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने ध्यान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ध्यान को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए, भले ही यह कुछ मिनटों के लिए हो। यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि तनाव कम करने में भी सहायक होता है।

शिविर के अंत में अजय सिंह ने बंदियों के उत्साह को देखते हुए भविष्य में योग, प्राणायाम, ध्यान, सुदर्शन क्रिया और जीवन जीने की कला से जुड़े विशेष शिविर आयोजित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास बंदियों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगा। शिविर के दौरान बंदियों ने ध्यान और योग अभ्यास में उत्साहपूर्वक से भाग लिया।