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नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हुई प्रेक्षकों की नियुक्ति, देखिए पूरी सूची…

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ShivJan 23, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव…

छत्तीसगढ़ में निवेशकों के लिए बिछाया रेड कारपेट : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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ShivJan 23, 20256 min read

रायपुर।   मुंबई में हाल ही में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट…

January 23, 2025

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

रायपुर-  बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य पांचों प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी एवं सशक्त बनाने के साथ ही उन क्षेत्रों में जनसुविधा के कामों को गति प्रदान करना है। इन पांचों प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के जिम्मे होगी। स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इसका उपाध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अथवा सचिव इन पांचों प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। तत्पश्चात् वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे। प्राधिकरणों के गठन के पश्चात् अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के अनेक महत्वपूर्ण कार्य कराए गए थे। वर्ष 2019 में तत्कालीन सरकार द्वारा इन प्राधिकरणों के कार्य संचालन की प्रक्रिया में अमूल-चूल परिवर्तन कर दिया गया, जिसके चलते प्राधिकरणों का न सिर्फ महत्व कम हो गया, बल्कि इनके कार्याें में पारदर्शिता मॉनिटरिंग का अभाव होने के साथ ही शासन स्तर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं रहा। उक्त स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कैबिनेट ने पांचों प्राधिकरणों के पुनर्गठन एवं निधि नियम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 23 फरवरी, 2024 को पारित अशासकीय संकल्प के तहत प्रदेश के जितने भी मैदानी क्षेत्र हैं, उन क्षेत्रों में भी जहाँ अनुसूचित जनजातियों की 25 प्रतिशत से अधिक बहुलता है, उन क्षेत्रों के गांवों एवं ब्लाकों को मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में शामिल किया गया है।

प्राधिकरण अपना कार्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त कर, मतैक्य से माननीय मुख्यमंत्री जी के विजन के अनुरूप करेंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्राधिकरण सामाजिक, आर्थिक एवं सर्वागीण विकास पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगा। प्राधिकरण को सशक्त, पारदर्शी एवं प्रभावशाली बनाया जाएगा। वर्तमान में प्राधिकरण के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों के लिए बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के लिए 50-50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है तथा ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

  • कैबिनेट द्वारा उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 का अनुमोदन किया गया।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण हेतु निर्गम मूल्य (Issue Price) पर चना क्रय करने के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र एवं मॉडा क्षेत्र में अन्त्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को चना वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित निर्गम मूल्य तथा नागरिक आपूर्ति निगम को प्राप्त रॉ चना की मिलिंग एवं परिवहन दर को जोड़कर प्राप्त कुल दर पर चना खरीदा जाएगा।
  • मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 14 हजार 369 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को 19 करोड़ 37 लाख 93 हजार रूपए की स्वीकृत राशि का कार्योत्तर अनुमोदन मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदान किया गया।
  • कैबिनेट द्वारा विदेशी मदिरा के थोक विक्रय एवं भंडारण हेतु वर्तमान में प्रचलित एफएल 10 ए बी अनुज्ञप्प्ति की व्यवस्था को समाप्त करते हुए सीधे विनिर्माता इकाईयों से विदेशी मदिरा का थोक क्रय किए जाने का अनुमोदन किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि विदेशी मदिरा का क्रय इससे पहले लायसेंसियों द्वारा किया जाता था। सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त करने के साथ ही विदेशी मदिरा क्रय करने की जिम्मेदारी अब छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को दे दी है।