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“संकल्प से सिद्धि तक” एक भारत, श्रेष्ठ भारत के निर्माण को समर्पित अभियान: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

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June 7, 2025

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महिला प्रोफेसर सेक्सुअल हरासमेंट मामले में होगी बड़ी कार्रवाई

रायपुर। रायपुर के आयुर्वेदिक कालेज में सेक्सुअल हरासमेंट मुद्दे पर बड़ी कार्रवाई हुई है। स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से सदन में कार्रवाई की घोषणा के बाद त्वरित कार्रवाई हुई है। राज्य सरकार ने यौन उत्पीड़न के आरोपी जीआर चतुर्वेदी को पद से हटा दिया गया है। भाजपा विधायक भावना बोहरा के सवाल पर आज ही विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी, कि तीन दिन के भीतर मामले में कार्रवाई कर दी जायेगी।

लेकिन, स्वास्थ्य मंत्री के ऐलान के चार घंटे के भीतर ही मामले में आरोपी जीआर चतुर्वेदी को हटा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इसकी पुष्टि की है। आपको बता दें कि पूरा मामला साल 2018 का था, जब महिला प्रोफेसर ने जीआर चतुर्वेदी पर आरोप लगाया था। जांच कमेटी ने भी जीआर चतुर्वेदी को आरोपी माना था। लेकिन कार्रवाई के बजाय उन्हें प्रमोशन दे दिया गया।

विशाखा कमेटी का मुद्दा उठा था विधानसभा में

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक भावना बोहरा ने 2018 में रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में हुए सेक्सुअल हरासमेंट का मुद्दा उठाया था। भावना बोहरा ने जीआर चतुर्वेदी केस का मुद्दा उठाते हुए इस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं होने को लेकर सवाल पूछा था। भावना बोहरा ने कहा कि शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जीआर चतुर्वेदी पर एक महिला प्रोफेसर ने सेक्सुअल हरासमेंट का आरोप लगाया था। विशाखा कमेटी ने जांच शुरू की तो मामले की जांच समिति में शामिल सरोज परहते को हटा दिया गया। जांच कमेटी ने डॉ. जी. आर. चतुर्वेदी दोषी भी पाया था, लेकिन कार्रवाई के बजाय उनका प्रमोशन किया गया। इसी सवाल पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि घटना दुर्भाग्यजनक है और हम 3 दिनों के भीतर इस मामले में कर्रवाई करने जा रहे हैं।

ना रात था, ना दिन था, आचार संहिता था

भावना बोहरा के सवाल के बीच नेताप्रतिपक्ष डॉ चरणदास मंहत ने सवाल पूछा कि, तिथि को स्पष्ट करें।  चरणदास महंत का कहना है भावना बोहरा ने सवाल में कहा है 2017- 18, ये किसके कार्यकाल में घटना घटी थी। क्योंकि प्रश्न की तारीख के मुताबिक मामला तब भाजपा का शासनकाल था, क्योंकि हमने दिसंबर में शपथ ली। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये नरसिंग अवतार की तरह है। ना रात था ना दिन था, ना आपका शासनकाल था, ना मेरा शासनकाल था, ये घटना आचार संहिता के काल की है।