Special Story

IAS ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का गौरव, नम्रता गांधी के साथ हरीश एस का हुआ पीएम ट्राफी के लिए चयन…

IAS ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का गौरव, नम्रता गांधी के साथ हरीश एस का हुआ पीएम ट्राफी के लिए चयन…

ShivJan 19, 20255 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गौरव…

नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की बड़ी सफलता, दो ईनामी नक्सली समेत 3 माओवादी गिरफ्तार

नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की बड़ी सफलता, दो ईनामी नक्सली समेत 3 माओवादी गिरफ्तार

ShivJan 19, 20252 min read

सुकमा।  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस…

January 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पत्रकारों के वाहन में गांजा रखने के मामले में TI अजय सोनकर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, एसपी ने किया सस्पेंड, FIR दर्ज

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पत्रकारों के वाहन में गांजा रखने के आरोप में कोंटा थाना प्रभारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। कोंटा टीआई अजय सोनकर को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें धारा 324 (जानलेवा हमला) और धारा 331 (अत्याचार) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर पर आरोप है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर पत्रकार बप्पी राय, शिवेंदु त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह की गाड़ी में गांजा रख दिया और उन्हें गिरफ्तार करवा दिया। यह घटना तब हुई जब पत्रकार अवैध रेत की रिपोर्टिंग के लिए कोंटा सीमा पर आंध्र प्रदेश के चट्टी इलाके में पहुंचे थे। पत्रकारों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई और अब अजय सोनकर को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।

पत्रकारों की रिहाई के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए, और गृह मंत्री से भी शिकायत की गई। प्रदर्शन के बढ़ते दबाव को देखते हुए, सुकमा पुलिस ने तुरंत प्रभाव से अजय सोनकर को थाने से हटा दिया और निलंबित कर दिया। मामले की जांच अभी जारी है और पुलिस इस प्रकरण की पूरी सच्चाई सामने लाने की कोशिश कर रही है।

देखें आदेश-

थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध – एसपी

मामले में सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि छत्तीसगढ़ एवं आन्ध्रप्रदेश सीमा से लगे थाना चिंतूर (आन्ध्रप्रदेश) में पत्रकार बप्पी राय, शिवेंदु त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह समेत 6 लोगो के खिलाफ एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टेंस) से संबंधित अपराध दर्ज किया गया था। इस संदर्भ में तत्कालीन थाना प्रभारी अजय सोनकर पर सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप लगाए गए थे कि उनकी भूमिका इस प्रकरण में संदिग्ध है।

पत्रकार संघ की ओर से की गई शिकायत के आधार पर परमेश्वर तिलक की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी की रिपोर्ट मुझे कल प्राप्त हुई, जिसके आधार पर यह पुष्टि हुई कि थाना प्रभारी अजय सोनकर ने 10 अगस्त की रात को डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) सीसीटीवी को अपने कब्जे में लिया, जो एक अनैतिक और अपराधिक कृत्य था। इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।