Special Story

छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को बड़ी राहत: साय सरकार ने महंगाई राहत दरों में की वृद्धि, आदेश जारी

छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को बड़ी राहत: साय सरकार ने महंगाई राहत दरों में की वृद्धि, आदेश जारी

ShivMay 15, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है।…

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे एम्स, नक्सल हमले में घायल जवानों का जाना हालचाल

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे एम्स, नक्सल हमले में घायल जवानों का जाना हालचाल

ShivMay 15, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कर्रेगुट्‌टा की पहाड़ी पर सुरक्षा…

बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

ShivMay 15, 20252 min read

रायपुर।    राज्य शासन ने जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट…

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

वन विभाग की बडी कार्यवाही; संरक्षित वन्य प्राणी पेंगोलिन की तस्करी करते पकड़े गये चार अन्तर्राज्यीय तस्कर

रायपुर।     प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विशेष पहल की जा रही है। वनमंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बाल प्रमुख श्री श्रीनिवास राव द्वारा वन अधिकारियों को आदेशित किया गया है कि संरक्षित वन्य प्राणी के तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर आर सी दुग्गा के मार्गदर्शन में बस्तर वन मंडल के वन मंडल अधिकारी श्री उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में मुखबिर से प्राप्त सूचना उपरांत उप वनमण्डलाधिकारी बस्तर, परिक्षेत्र अधिकारी करपावण्ड सौरभ रजक एवं अन्य वन अधिकारियों की एक टीम गठित कर करपावण्ड कोलावल मार्ग पर घेराबंदी कर 02 नग मोटर सायकल में एक जूट की थैले में 01 नग संकटपन्न जीवित वन्य जीव पेंगोलिन (छत्तीसगढ़ी में साल खपरी कहा जाता है) के साथ चार आरोपियों को पकड़ा गया। यह चारों व्यक्ति वन्य जीव को बेचने के फिराख में उड़ीसा से छत्तीसगढ़ आकर ग्राहक तलाश कर रहे थे। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त वन्य प्राणी को सुरक्षित अपने कब्जे में लेकर चारों आरोपियों को उनके 02 नग मोटर सायकल हीरो एचएफ ड्यूलक्स ओ डी 10 टी 3001, होंडा शाईन एसपी एपी 31 ईएम 7882 के साथ करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 तथा वन्यप्राणि संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओ के तहत् वन अपराध दर्ज कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

इस कार्यवाही में देवलाल दुग्गा, उप वनमण्डलाधिकारी जगदलपुर, योगेश कुमार रात्रे, उप वनमण्डलाधिकारी चित्रकोट, सुर्यप्रकश धु्रव, वन परिक्षेत्र अधिकारी माचकोट, प्रकाश ठाकुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट, देवेन्द्र वर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर, जयराज पात्र, वनरक्षक श्रीधर स्नेही, सी.एफ.ओ. जगदलपुर, एवं वन परिक्षेत्र करपावण्ड के बनसिंह कर्मा उप वनक्षेत्रपाल, सुखपाल यादव वनपाल, कलमू देवा वनरक्षक, तुलेष बघेल वनरक्षक, मंगल कष्यप वनरक्षक, रघुनाथ नाग वनरक्षक, सोनाधर मौर्य वनपाल कमलोचन बघेल वनपाल का योगदान सराहनीय रहा।

संकटपन्न वन्यप्राणियों के बचाव एवं सुरक्षा हेतु जगदलपुर वन वृत्त स्तरीय रेपिड रेस्क्यू टीम (आरआरटी) का गठन किया गया है। जो वन्यप्राणियों क बचाव हेतु लगातार सूचना तंत्र स्थापित कर वन्यप्राणियों के तस्कर पर लगाम लगाने का प्रयास कर रहे है। वन्य प्राणी पेंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत् सेड्यूल्ड 1 में दर्ज है। जिसको मारना एवं खरीद फरोक्त करना दंडनीय अपराध है।