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रायपुर। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज…

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धमतरी। धमतरी के चमेंदा जंगल में जारी नक्सल विरोधी सर्च…

May 15, 2025

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महादेव सट्टा एप मामला : ED ने आरोपी संदीप फोगला को कोर्ट में किया पेश, 14 दिन की बढ़ी न्यायिक रिमांड

रायपुर।  महादेव सट्टा एप मामले में कोलकाता से गिरफ्तार किए गए आरोपी संदीप फोगला की मुश्किलें बढ़ गई है. ईडी ने आज आरोपी संदीप को रिमांड खत्म होने पर विशेष कोर्ट में पेश किया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी संदीप की न्यायिक रिमांड को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है, अब 10 फरवरी को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा. 

बता दें कि संदीप फोगला को बीते दिनों ने ईडी की टीम ने कलकत्ता में छापा मारकर पकड़ा था. संदीप पर आरोप है कि वह सट्टे के कारोबार से कमाए पैसे को फर्जी कंपनियों और शेयर ट्रेडिंग में लगाकर वाइट मनी बनाता था.

क्या है महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामला ?

ऑनलाइन सट्टेबाजी का संचालन करने के लिए महादेव बेटिंग ऐप बनाया गया है. जिसमें क्रिकेट, पोकर और कार्ड गेम जैसे अलग-अलग खेलों का यूजर्स हिस्सा बन सकते है. इन्हीं खेलों के जरिए सट्टेबाजी की जाती थी. बताया जाता है कि साल 2019 में भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर ने महादेव सट्टा ऐप को शुरू किया था. बाद में सौरभ चंद्राकर दुबई चला गया. जहां अपने दोस्तों को बुलाकर एप पर काम करना शुरू कर दिया. ईडी की जांच में सामने आया कि एप पर छत्तीसगढ़ के अधिक यूजर्स की आईडी थी. क्रिकेट, चुनाव परिणाम से लेकर अलग-अलग मामलों में सट्टा लगाया जाता था. 

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने महादेव सट्टा एप के ऑपरेट करने के लिए अनिल दम्मानी और सुनील को जिम्मेदारी दी थी. मामले में पुलिस, ब्यूरोक्रेट्स, नेता और सेलेब्रिटीज के नाम जुड़े गए. सट्टा एप को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया सहित अन्य तरीका अपनाया गया. 

देश के कई अलग-अलग राज्यों में महादेव बेटिंग ऐप के 30 कॉल सेंटर थे. जो सट्टेबाजी के जरिये बड़ी रकम कमाने का लोगो को लालच देते थे. हामी भरने पर यूजर्स को व्हाट्सएप के एक प्राइवेट ग्रुप से जोड़ दिया जाता था. इसके बाद कुछ वेबसाइट्स पर अपनी आईडी बनाने के लिए बोला जाता था.

यूजर्स को दो फोन नंबर दिए जाते थे. पहले नंबर के जरिए यूजर्स आईडी में पैसे के साथ पॉइंट जमा करते थे. वहीं दूसरा नंबर का इस्तमाल यूजर्स आईडी की पॉइंट को भुनाने और वेबसाइट से संपर्क करने के लिए करते थे. बाद में यूजर्स बिना नाम के खाते में पैसे ट्रांसफर कराते थे. विनिंग अमाउंट को यूजर्स उसी खाते से निकालते भी थे.