Special Story

महापौर प्रत्याशियों की लिस्ट 24-25 जनवरी तक, भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए कसी कमर

महापौर प्रत्याशियों की लिस्ट 24-25 जनवरी तक, भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए कसी कमर

ShivJan 9, 20252 min read

रायपुर। विधानसभा चुनाव की कामयाब ट्रिक बीजेपी नगरीय निकाय चुनाव में…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना कर राज्य की खुशहाली और समृद्धि की कामना की

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना कर राज्य की खुशहाली और समृद्धि की कामना की

ShivJan 9, 20252 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बिलासपुर के चकरभाठा में पूज्य…

January 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

महादेव सट्टा ऐप मामला : अमित अग्रवाल के खिलाफ कई थानों में दर्ज है केस, हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिलासपुर।    हाईकोर्ट ने ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप के आरोपी अमित अग्रवाल का जमानत आवेदन खारिज कर दी है. आरोपी के खिलाफ मोहन नगर थाना सहित देश के विभिन्न थानों में मामला दर्ज है. कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल को हवाला मामले में एसीबी  ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया है. मामले में मई 2024 को ईडी ने अलग से प्रकरण दर्ज किया है. जेल में बंद आरोपी अमित अग्रवाल ने हाईकोर्ट में दिए आवेदन में कहा कि दर्ज एफआईआर में आवेदक का नाम नहीं है. उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है.

आवेदक का कहना है कि वह सह-अभियुक्त अनिल उर्फ ​​अतुल का छोटा भाई है, जो महादेव बुक के संचालकों में से एक हैं और संबंधित है. वह वर्तमान में दुबई में रहकर काम कर रहे हैं. मामले में 145 गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया जाना है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांत अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसौदिया का उदाहर पेश कर जमानत दिए जाने की मांग की. ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि सट्टेबाजी ऐप का उपयोग किया गया है. वर्तमान आवेदक अपनी पत्नी के नाम पर सम्पत्ति खरीदा. आवेदक चतुर्भुज शर्मा को अलग-अलग तारीखों में 1.20 करोड़ रुपए का लेनदेन किया, जो उनके और उनकी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए. अपने परिवार के सदस्यों के खातों में नकद जमा करना और प्राप्त करना बैंक प्रविष्टियां की गईं.

जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा, जांच के दौरान जुटाए गए सबूत और गवाहों के बयान आवेदक के विरुद्ध आता है. कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार किया है.