सबसे सस्ती बिजली बनाने में मध्यप्रदेश ने बनाया रिकॉर्ड: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में गत वर्षों में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में तेज गति से वृद्धि हुई है। अब यह हमारी कुल ऊर्जा उत्पादन का 15% हो गई है। साथ ही मध्यप्रदेश ने सबसे सस्ती बिजली बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया है। प्रदेश के नीमच जिले में स्थापित सोलर परियोजना में 02 रुपए 14 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उत्पादन किया जा रहा है और यह सस्ती बिजली हमारी सरकार भारतीय रेलवे को बेच रही है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा पर आयोजित विभागीय शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत दुनिया के सामने हर क्षेत्र में सीना तान के खड़ा है। आज जहां विश्व में उथल-पुथल मची हुई है, बहुत से देश आपस में बात भी नहीं करते। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी का सभी से निरंतर संवाद है और वे भारत की प्रगति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। सोमवार को भोपाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित की गई है, जिसमें दुनिया भर से मध्यप्रदेश में निवेश प्रस्ताव आ रहे है। देश-विदेश के निवेशकों ने मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर भरोसा जताया है। हमारे लिए छोटा से छोटा निवेश भी बहुत बड़ा है और हर निवेशक महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति सूर्य पर केन्द्रित है। सूर्य देव की हम पूजा करते हैं और वह हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं। सूर्य के सारथी अश्विन है। वैसे ही हमारे मार्गदर्शक केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव हैं। मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के साथ ही तेज गति से रेलवे नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा विशेष रूप से सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहा है। रीवा में 750 मेगावाट क्षमता का अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क स्थापित किया गया है। इसी प्रकार नीमच में 500 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट और भारत का सबसे बड़ा पम्पड हाइड्रो पॉवर स्टोरेज प्रोजेक्ट लगाया गया है। यह सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन कर रहा है। ओंकारेश्वर में भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किया गया है। नर्मदापुरम जिले के मुहासा बाबई में भारत का पहला पॉवर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग जोन बनाया गया है। पहले इसके क्षेत्र को बढ़ाकर 884 एकड़ किया गया था, अब इसमें 1000 एकड़ क्षेत्र और बढ़ाया जा रहा है। मध्यप्रदेश भारत के 500 गीगावॉट के नवकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में निवेश का अच्छा माहौल बना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक भारतीय रेल ऊर्जा के क्षेत्र में “नेट जीरो” हो जाएगी, अर्थात शत-प्रतिशत बिजली पर चलेगी। अभी 97% रेलवे लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन कर लिया गया है। आज मध्यप्रदेश के साथ 170 मेगावाट का पावर परचेज एग्रीमेंट किया गया है, जो अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश जितनी भी अतिरिक्त बिजली उत्पादित करेगा हम खरीदेंगे। श्री वैष्णव ने कहा कि मध्य प्रदेश में रेलवे नेटवर्क का ऐतिहासिक कार्य चल रहा है। इस क्षेत्र में 01 लाख 4 हजार करोड रुपए का निवेश किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2014 के बाद 2456 किलोमीटर का रेलवे नेटवर्क तैयार किया गया है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। आज हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री स्वयं ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव निरंतर प्रदेश में निवेश बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। चरैवेति, चरैवेति के आदर्श वाक्य को लेकर वे निरंतर इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 10 वर्ष पहले मात्र 500 मेगावाट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादित होती थी जो अब 7000 मेगावाट हो गई है। प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश में भरपूर जल, जमीन, वायु और सूर्य का प्रकाश है, वे यहां इन्वेस्ट करें।
शिखर सम्मेलन में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन के आर.पी. गुप्ता, साउथ एशिया रीजनल डायरेक्टर इमाद फारुकी, अवाडा ग्रुप के विनीत मित्तल, एलएलपी समूह के सुनील जैन, उद्योगपति पराग शर्मा, पिनाकी भट्टाचार्य, पवन अग्रवाल, नवीन खंडेलवाल, राजीव जैन, जिग्नेश मेहता, गुरदीप सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अपर प्रमुख सचिव एमएसएमई मनु श्रीवास्तव ने शिखर सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की और स्वागत भाषण दिया। एमडी अमनवीर सिंह बैंस ने आभार व्यक्त किया।
पीपीए अनुबंध हुआ संपादित, निवेशकों ने किये निवेश अनुबंध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में शिखर सम्मेलन में दो पावर परचेज एग्रीमेंट अनुबंध पहला भारतीय रेल, नीमच सोलर प्रोजेक्ट, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड और वारी के बीच तथा दूसरा एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी, वारी और रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड के बीच संपादित हुए। इसके साथ ही नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विभिन्न निवेशकों के साथ निवेश अनुबंध भी सम्पादित हुए।