मध्यप्रदेश – लोकमाता अहिल्या देवी के सम्मान में महेश्वर में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता अहिल्या देवी के 300वें जन्मोत्सव वर्ष पर लोकमाता के जन-कल्याण के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। सुशासन के साथ राष्ट्र के सांस्कृतिक गौरव की वृद्धि के लिए लोकमाता अहिल्या देवी के योगदान का आज राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में स्मरण किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज मंत्रि-परिषद की औपचारिक बैठक प्रारंभ होने के पहले मंत्रीगण को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रि-परिषद की आगामी बैठक खरगोन जिले के महेश्वर में रखी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता अहिल्या देवी के कार्यों से देशवासियों को परिचित कराने के लिए विविध आयोजन किए जाएंगे। लोकमाता अहिल्या देवी ने राजकोष के अलावा स्वयंके कोष से जन-कल्याण के कार्यों को मूर्त रूप दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने होल्कर परिवार के न्यास (खासगी ट्रस्ट) की व्यवस्था द्वारा पति की ओर से पत्नी को आय का 25 प्रतिशत अंश प्रदान करने की परम्परा की जानकारी भी दी। लोकमाता अहिल्या देवी ने निजी राशि से देश के अनेक स्थानों में मंदिरों के निर्माण और सार्वजनिक सुविधाओं के विस्तार के कार्य किए। मध्यप्रदेश सरकार ने 14 सदस्यीय समिति गठित की है, जो अहिल्या देवी की जन-कल्याण की भावना के साथ आत्म-निर्भर बनाने के उनके प्रयत्नों को व्यवहार में परिणित करने के संबंध में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय करेगी। संस्कृति विभाग और अन्य विभागों की भागीदारी से सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के आयोजन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
रेल परियोजना की स्वीकृति एक बड़ी उपलब्धि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को बताया कि मध्यप्रदेश के मालवा और निमाड़ अंचल के साथ ही अन्य क्षेत्रों की प्रगति के लिए दशकों से लंबित इंदौर-मनमाड ब्राडगेज डबल लाइन की स्वीकृति केन्द्रीय केबिनेट द्वारा दी गई है। मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बधाई दी और प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं रेल मंत्री श्री वैष्णव का आभार माना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को इस रेल परियोजना की स्वीकृति के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह 18036 करोड़ रूपये लागत की रेल परियोजना प्रदेश के लिए नई लाइफ लाइन होगी। इकॉनामिक कॉरीडोर का विकास होगा। प्रदेश के बड़वानी, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर सहित निकटवर्ती जिले लाभान्वित होंगे। यहाँ 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेलें दौड़ेंगी। पूरे प्रदेश के जिले लाभान्वित होंगे, जिनमें ग्वालियर से सीधे जवाहर लाल नेहरू पोर्ट (बंदरगाह) तक जाने की कनेक्टिविटी कम दूरी के साथ प्राप्त होगी। अनेक जनजातीय बहुल जिलों सहित राजगढ़ जैसे आकांक्षी जिले भी इससे लाभान्वित होंगे। यह परियोजना मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी वर्चुअली शामिल होते हुए रेल परियोजना की मंजूरी पर हर्ष व्यक्त किया।
वृंदावन ग्रामों का विकास होगा, शहरों में प्रारंभ होंगे गीता भवन केन्द्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में एक वृंदावन गांव विकसित किया जाएगा। यह गांव स्वावलंबी एवं स्वच्छ और निर्मल होंगे। इनमें सामुदायिक भवन, सार्वजनिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी। वनांचल में वनोपज संग्रहण केन्द्र भी होंगे। पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के साथ ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों के उपयोग से ग्राम नए स्वरूप में सामने आएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन प्रारंभ किए जाएंगे, जो वैचारिक अध्ययन केन्द्र भी होंगे। यहाँ पठन-पाठन की व्यवस्था होगी। भारतीय संस्कृति से अवगत करवाने वाली पुस्तकों का संग्रह होगा और विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से साहित्य उपलब्ध करवाया जाएगा। नगरीय विकास और आवास विभाग इस अभिनव योजना की रूपरेखा तैयार करेगा, इसके बाद गतिविधियां प्रारंभ होंगी।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से रोजगार के बढ़ रहे अवसर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही है। हाल ही में 28 अगस्त को ग्वालियर में सम्पन्न कॉन्क्लेव में 15 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित 4 हजार से अधिक प्रतिनिधि और निवेशक शामिल हुए। लगभग 400 बॉयर-सेलर मीट हुईं। करीब 8 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनके फलस्वरूप 35 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। आगामी 27 सितम्बर को सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारियां की जा रही हैं। अक्टूबर माह में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।