श्रेष्ठ कर्मों और व्यवहार से पहचान बनाई स्व. रामदयाल प्रजापति ने : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्व. रामदयाल प्रजापति ने एक श्रेष्ठ जन-प्रतिनिधि की पहचान बनाई। उनका जीवन श्रेष्ठ कर्मों और कुशल व्यवहार से जाना गया है। उनके निधन के बाद उनके प्रति विभिन्न जन-प्रतिनिधियों और नागरिकों द्वारा व्यक्त विचारों से भी यह सिद्ध होता है कि वे एक कर्मठ व्यक्तित्व के धनी थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार की शाम हिन्दी भवन में स्व. रामदयाल प्रजापति को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की गई सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 1994-1995 से उनका श्री प्रजापति से संबंध रहा है। उन्होंने भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष और माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष के नाते अपने कार्य और आचरण से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखा। उनके व्यक्तित्व का यह अनूठा गुण था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. प्रजापति के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा को वरिष्ठ सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि स्व. रामदयाल प्रजापति सदैव कार्यकर्ता के भाव से सौंपे गए दायित्व पूरे करते रहे। संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने कहा कि स्व. प्रजापति वरिष्ठ नेता होते हुए भी सहज व्यवहार से जाने जाते थे। उन्होंने आधुनिक युग के अनुकूल सूचना प्रौद्योगिकी माध्यमों का भी कुशलता से उपयोग किया। श्रद्धांजलि सभा को विधायक भगवानदास सबनानी और अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, शैलेंद्र प्रधान, उमाशंकर गुप्ता और पी.सी. शर्मा, पार्षदगण, भोपाल की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी, स्व प्रजापति के परिजन और मित्रजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन पूर्व सांसद आलोक संजर ने किया। श्रद्धांजलि सभा में स्व. राम दयाल प्रजापति की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। उल्लेखनीय है की गत एक फरवरी को रामदयाल प्रजापति का निधन हुआ है।