शराब घोटाला: झारखंड के मुख्यमंत्री के करीबी IAS के खिलाफ छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू में FIR दर्ज…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले के तार झारखंड तक जुड़ गए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है. चर्चा इस बात की भी है कि विनय चौबे की मुलाकात पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में शराब सिंडिकेट के लोगों से होते रहती थी.
गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू ने ईडी की शिकायत पर पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निदेश पुरोहित, निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया हुआ है. ईडी भी इस मामले की अलग से जांच कर रही है.
ईओडब्ल्यू की ताजा कार्रवाई की जद में आए आईएएस अधिकारी विनय चौबे वर्तमान में झारखंड के पंचायत विभाग में सचिव के पद पर पदस्थ हैं. उन पर उत्पाद विभाग में बतौर सचिव पदस्थ रहने के दौरान शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप है. वे उत्पाद विभाग के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव भी थे. हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान अपनाई गई आबकारी नीति को अपनाया था, जिसे क्रियान्वित करने में विनय चौबे की अहम भूमिका बताई जा रही है.
काला धन जुटाना चाहते हैं हेमंत सोरेन
भाजपा झारखंड अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा धन कमाने की आदत से मजबूर हेमंत सोरेन लगातार तीसरी बार शराब नीति बदलकर चुनाव के लिये कालाधन जुटाना चाहते हैं. इस बार घोटाले का मुख्य मकसद चुनाव के लिए भारी फंड जुटाना और चुनाव के समय गांव-गांव में शराब बांटना है. जिस सरकार का कार्यकाल दो महीने बचा है, वह अगले तीन साल के लिए शराब दुकान का ठेका परोक्ष रूप से पंजाब-हरियाणा वालों को सौंप कर मोटा काला धन वसूलना चाहती है.