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प्रो कबड्डी लीग की विजेता हरियाणा स्टीलर्स के खिलाड़ी संस्कार मिश्रा का गृह जिले में हुआ जोरदार स्वागत

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ShivDec 31, 20241 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मरवाही के छोटे से गांव भर्रीडांड़ के संस्कार मिश्रा…

डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष के नतीजे जारी, यहां देखें परिणाम

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ShivDec 31, 20241 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल (CGBSE), रायपुर ने डीएलएड (द्विवर्षीय…

IAS अफसरों को मिला नए साल में पदोन्नति का तोहफा

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ShivDec 31, 20241 min read

रायपुर। राज्य शासन ने नए साल से पहले भारतीय प्रशासनिक…

उज्जैन को मूर्ति-शिल्प का केन्द्र बनाने के प्रयास किए जाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivDec 31, 20243 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन में…

January 1, 2025

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शराब घोटाला मामला : हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर की जमानत याचिका की खारिज, कहा- आरोपी को नहीं दिया जा सकता जमानत का लाभ

बिलासपुर।   छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कठोर टिप्पणी भी की है.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए आदेश में कहा, कि सर्वोच्च न्यायालय का मानना है कि भ्रष्टाचार केवल एक मामला नहीं है, यह दंडनीय अपराध है. यह अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों को भी कमजोर करता है. व्यवस्थित भ्रष्ट्राचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है. आर्थिक अपराध गंभीर अपराध है. जिसका पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा, कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी की जमानत आवेदन को खारिज किया है.

बता दें, कि कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ ईओडब्ल्यू एवं एसीबी ने 11 जुलाई 2023 को सह अभियुक्त अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी एमडी सीएसएमसीएल, विकास अग्रवाल, संजय दीवान एवं अन्य आबकारी अधिकारियों से सेंडिकेट बनाकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमिशन वसूली के मामले में धारा 420, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया. इस मामले में ईडी ने नवंबर 2024 को अलग से अपराध दर्ज किया है. इसके अलावा आयकर विभाग ने भी उसके अलग अलग परिसर में छापामार कार्रवाई की है. जेल में बंद अनवर ढ़ेबर ने हाईकोर्ट में जमानत हेतु आवेदन पेश किया था. जिस पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए जिन पर आरोप हैं. छत्तीसगढ़ राज्य में शराब सिंडिकेट का एक हिस्सा है. आरोप लगाया कि शराब के व्यापार रिश्वत राशि का भुगतान प्राप्त किया गया है. डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी, ट्रांसपोर्टर, जनशक्ति प्रबंधन और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारी शामिल हैं. डिस्टिलर्स को काम करने की अनुमति देने के लिए वार्षिक कमीशन का भुगतान किया गया. सिंडिकेट द्बारा साजिश को अंजाम दिया गया.

राज्य में शराब की बिक्री से अलग-अलग तरीकों से पैसा लिया गया. सिडिकेट अवैध वसूली करता था. शराब से लिया गया अवैध कमीशन और ऑफ-द-रिकॉर्ड बेहिसाब देशी शराब की बिक्री राज्य द्बारा संचालित दुकानों से किया गया.