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ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुकमा जिले के कोंटा…

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ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। जबलपुर स्थित मदन महल स्टेशन से छत्तीसगढ़ की राजधानी…

आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब, खोज में जुटी पुलिस

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ShivJun 9, 20252 min read

पिथौरा। शिक्षिका द्वारा हड़पे गए अपने घर को वापिस दिलाने…

आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से ASP आकाश राव गिरीपुंजे शहीद, TI और SDOP हुए घायल

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ShivJun 9, 20252 min read

सुकमा। छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सलियों में खलबली…

परिवहन उपनिरीक्षक अभ्यर्थी को हाईकोर्ट से झटका, याचिका खारिज

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ShivJun 9, 20252 min read

बिलासपुर। परिवहन उपनिरीक्षक (तकनीकी) पद के लिए चयन सूची में…

June 9, 2025

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नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र, प्रदेश में 1000 करोड़ से अधिक मूल्य के धान की क्षति का लगाया आरोप, जिम्मेदारों पर की कार्रवाई की मांग…

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल के नाम पत्र लिखा है, जिसमें छत्तीसगढ़ धान के सुरक्षा और रखरखाव में घोर उपेक्षा के कारण 25 लाख 93 हजार 880 क्विंटल धान खराब होने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस प्रकरण की जांच कराने के साथ जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए अपने स्तर से समुचित कार्रवाई करने की मांग की है.

डॉ. चरणदास महंत ने पत्र में लिखा है कि खरीफ सीजन – 2023 में धान उपार्जन की मात्रा 144 लाख 12 हजार मीट्रिक टन थी. समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मीलिंग करके चावल तैयार किया जाता है. मीलिंग पूर्ण होने में पर्याप्त समय लगता है. इस अवधि में धान की सुरक्षा एवं रखरखाव का उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होता है. 2 सितम्बर की स्थिति में यह पाया गया कि कुल 25 लाख 93 हजार 880 क्विंटल धान की मीलिंग नहीं हो पाया था.

पड़ताल में पाया गया कि इसमें से 4 लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान खरीदी केन्द्रों में और 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल धान राज्य सहकारी विपणन संघ के विभिन्न संग्रहण केंद्रों पर शेष बताया जा रहा है. मुआयना करवाने पर पाया गया कि खरीदी केन्द्रों पर जो धान रिकार्ड में शेष दिख रहा है, वहां धान है ही नहीं. इसी प्रकार संग्रहण केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे कैप कव्हर के अंदर भंडारित शेष धान बहुत खराब स्थिति में है.

इस तरह से 25 लाख 93 हजार 880 क्विंटल धान 4000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 1037 करोड़ 55 लाख रुपए का धान खराब हो चुका है. यह एक बड़ी क्षति सुरक्षा और रखरखाव में घोर उपेक्षा के कारण हुई है. इन तथ्यों के साथ डॉ. महंत ने राज्यपाल से पूरे प्रकरण की जांच कराने के साथ उत्तरदायित्व निर्धारित कर अपने स्तर पर समुचित कार्रवाई का आग्रह किया है.