Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई, 800 नए जवान तैनात : बस्तर आईजी बोले –

जगदलपुर।   बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए सीआरपीएफ की चार नई बटालियन की तैनाती शुरू हो चुकी है. नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर में कुल 3,200 जवानों की तैनाती की जाएगी. हाल ही में 800 जवानों की पहली बटालियन छत्तीसगढ़ पहुंच चुकी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को 2026 तक जड़ से खत्म करने का वादा किया था और अब बस्तर में सुरक्षा बलों की यह नई तैनाती उसी दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है. बस्तर आईजी का कहना है कि सीआरपीएफ की नई बटालियनों की तैनाती से न केवल सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी, बल्कि नक्सलियों के प्रभाव वाले इलाकों में विकास की योजनाएं भी तेजी से पहुंचाई जा सकेंगी.

गांवों में आसानी से पहुंचेगी बुनियादी सुविधाएं

आईजी ने बताया, इन जवानों को उन इलाकों में तैनात किया जा रहा है, जहां अभी तक नक्सली आतंक का दबदबा था और सिक्योरिटी वैक्युम जैसी स्थिति बनी हुई थी. अधिकारियों का मानना है कि इन जवानों की तैनाती से न केवल सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा बल्कि विकास की योजनाओं को भी सुगमता से लागू किया जा सकेगा. इसके अलावा बस्तर के सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा.

सुरक्षाबलों का बढ़ेगा मनोबल, नक्सलियों पर बढ़ेगा दबाव

नक्सल एक्सपर्ट का मानना है कि सीआरपीएफ की तैनाती से सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ेगा और नक्सलियों पर दबाव बढ़ेगा. यह तैनाती नक्सलियों के सुरक्षित ठिकानों पर भी असर डालेगी. नई बटालियनों के आने से बस्तर में पहले से तैनात सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ेगा और नक्सली अब अपने सबसे सुरक्षित इलाकों में भी दबाव महसूस करेंगे. दक्षिण बस्तर के जंगलों में तैनात सीआरपीएफ की ये नई बटालियन नक्सलियों के खिलाफ इस अंतिम लड़ाई में निर्णायक साबित हो सकती है.