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तीन नर कंकाल मामले में एसपी की बड़ी कार्रवाई, थाना प्रभारी लाइन अटैच

तीन नर कंकाल मामले में एसपी की बड़ी कार्रवाई, थाना प्रभारी लाइन अटैच

ShivNov 16, 20242 min read

बलरामपुर।  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में 15 नवंबर को एक खेत…

November 17, 2024

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नक्शा बटांकन से सुलझ रही है परिवारों की भूमि संबंधी दिक्कतें, रायगढ़ जिले में 90 हजार खसरों का नक्शा बटांकन पूरा

रायपुर।     छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित नई सरकार में राजस्व संबंधी मामलों का तेजी से निराकरण हो रहा है। रायगढ़ जिले में खसरों का नक्शा बटांकन के अभियान से कई परिवारों की समस्याएं सुलझ रही हैं, वहीं राजस्व अभिलेखों में भी शुद्धता आ रही है। नक्शा बटांकन होने के कारण दो युवाओं को एसईसीएल में नौकरी भी मिली है। बैंक लोन, रजिस्ट्री आदि कार्य हेतु आवश्यक दस्तावेज आसानी से प्राप्त होने के साथ ही भूमि संबंधी विवाद भी सुलझ रहा है।

जिला प्रशासन द्वारा जनसामान्य की सुविधा के लिए रायगढ़ के सभी तहसीलों में नक्शा बटांकन कार्य को अभियान चलाकर पूरा किया जा रहा है। विगत माह दिसम्बर 2023 से अब तक नक्शा बटांकन कार्य में लगभग 18 प्रतिशत की प्रगति आयी है। इस अवधि में लगभग 90 हजार खसरों का नक्शा बटांकन किया गया है। जनसामान्य को खसरा एवं नक्शा के आसानी से उपलब्ध होने पर अब कार्यालय में आना नहीं पड़ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि खसरा दुरूस्ती के पश्चात नक्शा अपडेशन नहीं होने से ऐसे खसरे काफी संख्या में लंबित रहे हैं, इनका अभियान चलाकर निराकरण किया जा रहा है। कई गांवों में नक्शा बटांकन के काम जो लम्बे समय से लंबित थे, उन्हें शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। तहसील लैलूंगा के रामपुर, कोड़ासिया, ईश्वरपुर, सोहनपुर एवं चिटकीबहार इसी तरह घरघोड़ा अंतर्गत ग्राम छिरभौना, पोरडी, राई, घोघरा में नक्शा अद्यतनीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण किया गया है।

घरघोड़ा तहसील के घोघरा के बुधेश्वर पिता संतोष ने बताया कि उनकी भूमिस्वामी मद की भूमि का हल्का पटवारी द्वारा मौका स्थल देखकर तुरंत नक्शा बटांकन कर दिया गया। जिसके कारण उसके पुत्र चंद्रकांत साहू एवं पुत्री मेघा साहू को एसईसीएल में नौकरी का लाभ मिल सका। रामकुमार चौहान ने बताया कि उनका ग्राम-तुरेकेला में भूमि कब्जा संबंधी विवाद चल रहा था, जिसका नक्शा बटांकन होने से विवाद का निराकरण हो गया है। इसी जैमुड़ा के गंगाधर पटेल ने बताया कि नक्शा बटांकन होने के बाद उन्हें उनकी भूमि का सीमाचिन्ह ज्ञात हो गया।