धान खरीदी में लाखों की गड़बड़ी : समिति की जांच में उजागर हुआ मामला, कर्मचारियों ने पल्ला झाड़ा, कलेक्टर ने कही जांच की बात

महासमुंद। जिले के सरायपाली ब्लॉक के अंतर्गत रिसेकेला धान खरीदी केंद्र में लाखों रुपये के धान के गबन का मामला सामने आया है. ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 55 लाख रुपये का धान गायब बताया जा रहा है. इस गड़बड़ी को लेकर किसानों में आक्रोश है और वे जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.
54 लाख से अधिक के धान का गबन
महासमुंद जिले में कुल 1,62,288 किसान पंजीकृत हैं. जिले के 182 धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक 11,04,273 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. इस आंकड़े के साथ महासमुंद, प्रदेश में धान खरीदी में प्रथम स्थान पर रहा.
इन्हीं केंद्रों में से एक है प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित रिसीकेला, जिसमें 1109 किसानों ने कुल 1,02,000 क्विंटल धान बेचा. लेकिन धान खरीदी केन्द्र से मिलर और संग्रहण केंद्र में 95,962.89 क्विंटल भेजा गया. ऐसे में 6037.21 क्विंटल धान (करीब 15,093 बोरे) अभी भी खरीदी केन्द्र में रखा होना चाहिए था. लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में मात्र 10,677 बोरे ही दर्ज हैं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि 4416 बोरे यानी 1766 क्विंटल धान रिकॉर्ड से गायब हैं. इस गायब धान की कीमत 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से करीब 54,75,000 रुपये आंकी गई है.

कलेक्टर ने कही जांच की बात
इस पूरे मामले पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी अन्य धान खरीदी केंद्रों से भी मिली है. मार्कफेड और खाद्य विभाग की टीम को निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी केंद्र में गंभीर शोर्टेज की समस्या या बोगस खरीदी हुई है तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी से पूछताछ करें. गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी.