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देश के दुग्ध उत्पादन का 20 प्रतिशत मध्यप्रदेश से करने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 23, 20242 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश…

ACB ने पुलिस चौकी में रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों पकड़ा

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ShivNov 23, 20241 min read

दुर्ग।     छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की लगातार…

मुख्यमंत्री ने लगाये चौके-छक्के : बिलासपुर में मिनी स्टेडियम खिलाड़ियों को समर्पित

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ShivNov 23, 20243 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने न्यायधानी बिलासपुर में आज…

November 23, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

संगीतमय महागाथा की प्रस्तुति में जाने 500 वर्षों का इतिहास…

रायपुर।     संपूर्ण विश्व आज श्रीराम में रमा हुआ है। हर किसी को 22 जनवरी का इंतजार है जब अयोध्या में भगवान श्री राम 500 से अधिक वर्षों के बाद मंदिर में पुनः विराजमान होंने जा रहे हैं। पूरे देश में राम महोत्सव का उत्साह नजर आ रहा है। इसी के तहत भगवान श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में 20 जनवरी को धर्मस्व,संस्कृति, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मार्गदर्शन संस्कृति विभाग द्वारा पुलिस परेड ग्राउंड में संध्या 6 बजे ‘गाथा श्रीराम मंदिर की’ का भव्य संगीतमय आयोजन होने जा रहा है। इस भव्य और दिव्य आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की प्रमुख उपस्थिति रहेगी।

इस गाथा में 500 साल पहले आक्रांताओं द्वारा मंदिर तोड़े जाने और इसके बाद से शुरू श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने की गाथा का वर्णन किया जाएगा। इसमें अयोध्या के राम मंदिर की वर्ष 1525 से लेकर जनवरी 2024 तक की कहानी का संगीतमयी वर्णन किया जाएगा। यह प्रस्तुति एक लाइव म्यूजिकल बैंड के साथ होगी।


श्री राम भक्तों के लिए श्रीराम जन्मभूमि की तपस्या एवं संघर्ष की सत्य गाथा के इस कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रहेगा। इस गाथा में श्रीराम से चल कर लवकुश से शुरू होकर अयोध्या पर हुए तमाम हमलों और अयोध्या के रक्षकों की चर्चा होती है जिसमें हर उस महत्वपूर्ण व्यक्ति का नाम है, जो अयोध्या और श्रीराम मंदिर से सम्बद्धित हैं।

साथ ही राजा विक्रमादित्य और माँ अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के जीर्णोद्धार, बैरागी साधुओं के संघर्ष, गर्भगृह से रामलला का निकाला जाना, गर्भगृह में रामलला का प्रकट होना, कार सेवा, कोठारी बन्धुओं का सर्वस्व बलिदान, राजनीतिक उथल-पुथल और वर्तमान निर्माणाधीन मंदिर की भव्यता, दिव्यता और उसके पीछे केंद्र और राज्य सरकार के संकल्प का चित्रण किया गया है।