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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से लिया आशीर्वाद

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ShivMar 11, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में आध्यात्मिक…

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक कल

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ShivMar 11, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार…

March 12, 2025

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होली पर अपनी आंखों को रखें सुरक्षित, डॉ. दिनेश मिश्र ने रंग और गुलाल से बचाव की महत्वपूर्ण सलाह दी

रायपुर।  वरिष्ठ नेत्र एवं कान्टेक्ट लेन्स विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्र ने होली पर आंखों और अन्य संवेदनशील अंगों को बचाकर रंग खेलने का सलाह दी है. उन्होंने कहा कि होली जरूर खेलें पर आंखों के अंदर में सूखा रंग व गुलाल न जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.

डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि पहले होली प्राकृतिक वस्तुएं जैसे विभिन्न फूलों, पत्तियों, जड़ों व बीजों से तैयार रंगों से खेली जाती थी जो शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं थे. इन रंगों के तैयार करने में भले ही समय अधिक लगता था और कम मात्रा में ही तैयार होते थे. लेकिन ये शारीरिक वातावरण के अनुकूल थे. आज कल बाजार में उपलब्ध रंग-गुलाल कृत्रिम व रासायनिक पदार्थो से बनते है, जो कम समय में और अधिकाधिक मात्रा में बनते हैं, कृत्रिम रंग सस्ते जरूर हैं लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है. कृत्रिम  रंग जिन रासायनिक पदार्थो से बनते है उनके रासायनिक गुणों के अनुरूप अम्लीय-क्षारीय होते हैं. ये केमिकल (रसायन) शरीर की त्वचा, पलकों, आंखों पर दुष्प्रभाव डालते हैं जिससे आंखों व चेहरे में जलन, खुजलाहट, सूजन, दाने आना, एलर्जी होना आदि प्रतिक्रिया होती है. यह प्रभाव अलग अलग व्यक्तियों में भिन्न हो सकता है. रंग और गुलाल में चमक के लिए अभ्रक पीस कर मिलाया जाता है, जिससे त्वचा व आंखों में हानि पहुंचती है. वहीं गुलाल में मिट्टी और बारीक पिसी रेत मिलाने से चेहरे व आंख के नाजुक हिस्से में खरोंच हो जाती है.

डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि आंख में सूखा रंग, गुलाल जाने से बचाया जावे. यदि आंख के अंदर रंग गुलाल चले जाता है तो आंखों को रगड़े नहीं, बल्कि उसे धीरे से आंखों से निकालने की कोशिश करें. सूखा रंग व गुलाल त्वचा, गालों, पलकों व साथ ही ऑंख की पुतली में रगड़ से जख्म बनाता है और रासायनिक पदार्थ के कारण आंख में कंजक्टीवाइटिस और रगड़ से कार्नियल अल्सर भी हो सकता है. रंग को सूखे कपड़े, रूमाल से धीरे-धीरे साफ कर लें व पानी से धीरे-धीरे अच्छी तरह से धो लें. रंग की तेज धार, पानी व गुब्बारे जोर से फेंके जाने पर चेहरे पर आंख में चोट लग सकती है. आंख में तेज दर्द, आंसू आने, लालिमा होने व धुंधलापन आने पर रगड़े नहीं बल्कि आंख को धोने के बाद समीप के नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श करें. ध्यान रखे गोबर, कोयला, राख, पेन्ट, ग्रीस, डामर, केवाच आदि का प्रयोग करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. बल्कि इनकी एलर्जी, चोट होली के इन्द्रधनुष रंगों को बदरंग कर सकती है. डॉ. दिनेश मिश्र अपने फूल चौक स्थित अस्पताल में 14 मार्च को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक होली में रंग खेलने से होने वाली तकलीफों के नि:शुल्क परामर्श व उपचार के लिए उपलब्ध रहेंगे.

13 मार्च को अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों का प्रतीकात्मक होलिका दहन 

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा प्रदेश में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी विभिन्न अन्धविश्वासों, भूत प्रेत, टोनही प्रताड़ना, झाड़ फूंक, बलि प्रथा, नरबलि, जादू टोना,डायन प्रताड़ना, छुआछूत, दहेज प्रथा, सती प्रथा, मद्यपान, सामाजिक बहिष्कार आदि कुरीतियो के प्रतीकात्मक दहन और होली मिलन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम के अंतर्गत रायपुर में अंध विश्वास और सामाजिक कुरीतियों का प्रतीकात्मक दहन दिनांक 13 मार्च संध्या 5.30 बजे महाकोशल कला वीथिका परिसर नगर घड़ी चौक रायपुर में आयोजित किया जाएगा.