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केपीएस सरोना के विद्यार्थियों ने नीट 2025 में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

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ShivJun 14, 20252 min read

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ShivJun 14, 20253 min read

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रेत माफियाओं से टीआई का गठजोड़ आया सामने, SP ने एक्शन लेते हुए किया सस्पेंड

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ShivJun 14, 20252 min read

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रायपुर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में चाकूबाजी, तीन युवकों ने पार्किंग स्टाफ पर किया हमला

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ShivJun 14, 20252 min read

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June 14, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

काजल मसंद हत्याकांड : दुष्कर्म करने घर में घुसे थे बदमाश, विरोध करने पर की थी युवती की हत्या, आरोपियों को आजीवन कारावास

रायगढ़।  जिले के बहुचर्चित काजल मसंद हत्याकांड में न्यायालय ने आज मुख्य आरोपी रामभरोस चौहान और गोपाल उर्फ नानू साहू को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले से न्यायपालिका में जनता का विश्वास और मजबूत हुआ है और अपराधियों के लिए यह एक कड़ा संदेश है।

जानिए पूरा मामला

यह जघन्य अपराध 14 जून 2022 को रायगढ़ के स्वास्तिक विहार कॉलोनी में घटित हुआ था। मृतका काजल मसंद एक निजी संस्था में कार्यरत थी, वह अपनी मां के साथ रहती थी। घटना के दिन जब वह घर पर अकेली थी, तब आरोपी रामभरोस चौहान, गोपाल उर्फ नानू साहू और मित्रभानु उर्फ मोनू सोनवानी ने दुष्कर्म की नीयत से घर में जबरन घुसने का प्रयास किया। जब काजल ने विरोध किया तो आरोपियों ने पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी और सबूत मिटाने का प्रयास किया। घटना के बाद हत्या में प्रयुक्त पत्थर को तौलिये में लपेटकर और अन्य वस्तुओं के साथ फेंक दिया, ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिले।

मोबाइल सर्विलांस और स्निफर डॉग की मदद से आरोपियों तक पहुंची पुलिस

घटना के तुरंत बाद रायगढ़ पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले और नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच विशेष टीमें गठित की गई। इस केस की विवेचना उप निरीक्षक दिनेश बहिदार ने किया. पुलिस ने 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की। साइबर सेल और सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से अहम सुराग मिले।मोबाइल सर्विलांस और स्निफर डॉग ‘रूबी’ की मदद से आरोपियों तक पहुंच बनाई गई।

मुख्य आरोपी के खिलाफ कई मामले दर्ज

मुख्य आरोपी रामभरोस चौहान के खिलाफ पहले से ही बलात्कार और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। अभियोजन पक्ष ने घटना के संबंध में अदालत में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 (घर में अनधिकृत प्रवेश) और धारा 302 सहपठित धारा 34 (सामूहिक हत्या) के तहत दोषी ठहराया। इस मामले में एक अन्य आरोपी, जो विधि से संघर्षरत किशोर था, को पहले जमानत मिली थी, लेकिन बाद में उसने आत्महत्या कर ली।