संयुक्त रूप से मनाया गया धम्मचक्र अनुवर्तन दिवस, अशोका विजयादशमी और अश्विन पौर्णिमा (वर्षावास समापन) का कार्यक्रम
रायपुर। सम्राट अशोक महान ने अखण्ड भारत का निर्माण किया। विश्व को शांति का संदेश देनेवाले महाकारूणिक गौतम बुद्ध के धम्म को अन्य महाद्वीपों तक प्रचारित किया। संपूर्ण भारत में अशोका विजयादशमी मनाया जाने लगा। बुद्ध की गौरवशाली विरासत को देखते विश्वपटल पर भारत की पहचान बुद्ध की धरती के रुप में हुई है। इस पहचान में प्रण और प्राण डालने, प्रबुद्ध भारत के लोगों को प्रबुद्ध नागरिक बनाने के साथ समता, समानता ,बंधुत्वऔर न्याय की अवधारणा को व्यापक रुप में प्रतिस्थापित करने संकल्प को लेकर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने 14 अक्तूबर 1956 में ऐतिहासिक धम्म दिक्षा ली और दिलाई। इन लम्हों को उजागर करने डॉ. राजेन्द्र नगर,रायपुर के पंचशील बुध्द विहार में 17 अक्तूबर 2024 , दिन गुरूवार को संयुक्त रूप से धम्मचक्र अनुवर्तन दिवस, अशोका विजयादशमी और अश्विन पौर्णिमा (वर्षावास समापन) का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर दिन विशेष को ध्यान में रखते हुए आमंत्रित वक्ता आयु. सविता बौध्द, आयु. वंदना भालाधरे और डॉ. कल्पना सुखदेवे द्वारा मंचीय भाषण हुए। संगीत और नृत्य से कार्यक्रम का वातावरण खुशनुमा बनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कल्पना सुखदेवे ने की। संचालन आयु. मंजु बन्सोड , अरूणा ताईऔर भाविन्द्रा भालाधरे ने किया। वर्षावास के उपलक्ष्य में बच्चों एवं महिलाओं की विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई। संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा पारितोषिक वितरण हुआ। मैत्री भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।बीच बीच में सुमधुर आवाज में आयु. रूक्मिणी राम टेके, आयु. विनोद मेश्राम और आयु ज्योति मेश्राम द्वारा गीत प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर पंचशील की महिला कार्यकारिणी, समस्त वरिष्ठ कार्यकरता, समस्त संघ के उपासक उपासिकायें उपस्थित रहें। सभी के सहयोग से कार्यक्रम सफल रहा।