Special Story

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

ShivApr 19, 20252 min read

बिलासपुर।  न्यायधानी बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कथित…

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

ShivApr 19, 20252 min read

रायपुर।   सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

गंगरेल में होगा 5-6 अक्टूबर को होगा जल-जगार महोत्सव, 108 अमृत सरोवर और परकोलेशन टैंक के पानी से होगा जल अभिषेक

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से प्रदेश में गर्मियों में अप्रत्याशित भू जल स्तर में हो रहे गिरावट से लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं। धमतरी जिले के गंगरेल में 5-6 अक्टूबर को जीवनदायनी महानदी के तट पर जल-जगार महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जिले के 108 अमृत सरोवर और परकोलेशन टैंक के पानी से अभिषेक किया जायेगा। इसके साथ ही लोगों को जल संरक्षण में अपना पूरा पूरा योगदान देने प्रोत्साहित किया जाएगा।

धमतरी जिला में भू-जल स्तर बढा़ने, जल एवं पर्यावरण संरक्षण करने की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें जिले के परसतराई, नवागांव, थुहा सहित कई गांव के लोग स्वेच्छा से जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आगे आ रहे हैं। जल संरक्षण के लिए यहां नल और जलाशयों के आसपास जल संरक्षण सबंधी स्ट्रक्चर बनाए गए हैं साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी स्थापित किए गए हैं। गांव की महिलाओं भी जल संरक्षण के लिए आगे आ रही हैं। बिहान की महिलाएं नारी शक्ति से जल शक्ति, ग्रीन आर्मी और ग्रामीण महिलाओं ने रैली, दीवार लेखन, प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। इन सभी कार्यक्रमों में अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा सामाजिक, स्वैच्छिक संगठन भी अपना योगदान दे रहे हैं।

धमतरी जिले के ग्राम परसतराई के ग्रामीणों ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एकमत होकर दलहन, तिलहन, साग सब्जी की खेती करने आगे आए। वहीं गांवों की बेटियों के नाम से वृक्षों का नाम रखा, उन पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया। पूरे जिले में जल संरक्षण की दिशा में कार्यक्रम आयोजित किए गए।