Special Story

पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न: रायपुर में जय स्तंभ चौक पर जुटी क्रिकेट प्रेमियों की भीड़, जमकर हुई आतिशबाजी

पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न: रायपुर में जय स्तंभ चौक पर जुटी क्रिकेट प्रेमियों की भीड़, जमकर हुई आतिशबाजी

ShivFeb 23, 20252 min read

रायपुर। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के हाई-वोल्टेज मुकाबले में भारत ने चिर-प्रतिद्वंदी…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल आगमन पर हुआ आत्मीय स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल आगमन पर हुआ आत्मीय स्वागत

ShivFeb 23, 20251 min read

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भोपाल आगमन पर रविवार को उनका…

February 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

गंगरेल में होगा 5-6 अक्टूबर को होगा जल-जगार महोत्सव, 108 अमृत सरोवर और परकोलेशन टैंक के पानी से होगा जल अभिषेक

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से प्रदेश में गर्मियों में अप्रत्याशित भू जल स्तर में हो रहे गिरावट से लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं। धमतरी जिले के गंगरेल में 5-6 अक्टूबर को जीवनदायनी महानदी के तट पर जल-जगार महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जिले के 108 अमृत सरोवर और परकोलेशन टैंक के पानी से अभिषेक किया जायेगा। इसके साथ ही लोगों को जल संरक्षण में अपना पूरा पूरा योगदान देने प्रोत्साहित किया जाएगा।

धमतरी जिला में भू-जल स्तर बढा़ने, जल एवं पर्यावरण संरक्षण करने की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें जिले के परसतराई, नवागांव, थुहा सहित कई गांव के लोग स्वेच्छा से जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आगे आ रहे हैं। जल संरक्षण के लिए यहां नल और जलाशयों के आसपास जल संरक्षण सबंधी स्ट्रक्चर बनाए गए हैं साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी स्थापित किए गए हैं। गांव की महिलाओं भी जल संरक्षण के लिए आगे आ रही हैं। बिहान की महिलाएं नारी शक्ति से जल शक्ति, ग्रीन आर्मी और ग्रामीण महिलाओं ने रैली, दीवार लेखन, प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। इन सभी कार्यक्रमों में अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा सामाजिक, स्वैच्छिक संगठन भी अपना योगदान दे रहे हैं।

धमतरी जिले के ग्राम परसतराई के ग्रामीणों ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एकमत होकर दलहन, तिलहन, साग सब्जी की खेती करने आगे आए। वहीं गांवों की बेटियों के नाम से वृक्षों का नाम रखा, उन पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया। पूरे जिले में जल संरक्षण की दिशा में कार्यक्रम आयोजित किए गए।