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नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

ShivJan 20, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों…

January 20, 2025

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मंत्री का जेठ बताकर रौब झाड़ना पड़ा महंगा : दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, लाइन अटैच हुए प्रधान आरक्षक फिर से पुलिस सहायता केंद्र में पदस्थ

अंबिकापुर।  प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और भटगांव विधानसभा की विधायक लक्ष्मी राजवाड़े के रिश्तेदार काे शराब पीकर पुलिसकर्मियों पर रौब झाड़ना महंगा पड़ गया. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है. दरअसल 25 अगस्त की रात को नशे में धुत्त दो लोग अपने आप को महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जेठ बताते हुए बस स्टैंड पर हुल्लड़बाजी कर रहे थे. इसकी सूचना पर पुलिस कर्मियों ने दोनों को पुलिस सहायता केंद्र लाया. यहां भी आरोपियों ने स्वयं को कैबिनेट मंत्री का जेठ बताते हुए जमकर हंगामा मचाया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

प्रधान आरक्षक फिर से पुलिस सहायता केंद्र में पदस्थ

इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने राजू राजवाड़े व राजू सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता व आबकारी एक्ट की धारा के तहत अपराध पंजीकृत किया है. बस स्टैंड में शराब के नशे में हंगामा मचाने वाले युवक को रोकने वाले प्रधान आरक्षक देव नारायण नेताम ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उनका मेडिकल कराया था. इसके बाद मामला हाईप्रोफाइल होने पर प्रधान आरक्षक पर उल्टा कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें लाइन अटैच कर दिया था. बाद में किरकिरी होने पर खंडन भी जारी किया था. इस प्रधान आरक्षक को पुनः बस स्टैंड के पुलिस सहायता केंद्र में पदस्थ कर दिया गया है.

मंत्री राजवाड़े ने कहा था – दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए

दरअसल बस स्टैंड में शराब के नशे में पुलिस कर्मियों के साथ बहसबाजी करते हुए और स्वयं को कैबिनेट मंत्री का जेठ बताने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कैबिनेट मंत्री की भी किरकिरी हुई. इसके बाद मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस मामले में अपना बयानजारी करते हुए कहा कि कानून सबके लिए समान है. इस मामले में पुलिस को अपना काम बिना कोई दबाव के करना चाहिए. संभवतः पुलिस अधिकारियों ने भी विभाग की हो रही फजीहत को देखते हुए इस कार्रवाई को करने का आदेश दिया होगा.