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छत्तीसगढ़ से प्रयागराज जा रही बस एमपी में पलटीः घायल यात्री अस्पताल में भर्ती, ये रही हादसे की वजह

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ShivApr 14, 20251 min read

शहडोल। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से प्रयागराज जा रही बस मध्यप्रदेश…

राज्यपाल ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

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ShivApr 14, 20251 min read

रायपुर।     राज्यपाल रमेन डेका ने आज राजभवन में भारत…

कन्हेरा गांव में गायों की संदिग्ध मौत: कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, 5 सदस्यीय जांच समिति का किया गठन

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ShivApr 14, 20251 min read

रायपुर। राजधानी के उरला औद्योगिक क्षेत्र स्थित ग्राम कन्हेरा में…

April 14, 2025

Apni Sarkaar

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सहकारी समितियों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना आवश्यक : डॉ. मोहन यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सहकारी समितियों की साख और जन सामान्य में उनके प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए समितियों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना आवश्यक है। अत: सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कार्यों का शत प्रतिशत कम्प्यूटराईजेशन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जून 2025 तक समितियों का ऑडिट पूर्ण कर कृषकों को लेन-देन की सूचना एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध कराने और इस वर्ष के अंत अर्थात दिसम्बर 2025 तक सभी समितियों के कायों का कम्प्यूटराईजेशन सु‍निश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में हुई सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देशित कर रहे थे। बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव सहकारिता अशोक वर्णवाल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अल्पसेवित पंचायतों की पहचान कर नवीन सहकारी समितियों के गठन के लिए प्राथमिकता पर कार्यवाही की जाए। वर्तमान परिदृश्य और आवश्यकताओं को देखते हुए अधिक से अधिक समितियों में पारंपरिक गतिविधियों के साथ-साथ कॉमन सर्विस सेंटर, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, जन औषधि केंद्र, जल कर वसूली केंद्र और एग्री ड्रोन संचालन जैसी गतिविधियां चलाई जाएं। इसके साथ ही को-ऑपरेटिव- पब्लिक- प्राइवेट- पार्टनरशिप (सीपीपीपी) के माध्यम से सहकारी-सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी से सहकारी समितियों को व्यवसाय के नए अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में विशेष प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता में नवाचार करते हुए ड्रिप एरीगेशन, ग्रेडिंग-सार्टिंग और पैकेजिंग, जंगल सफारी, गेस्ट हाउस और खाद्य प्र-संस्करण जैसी गतिविधियां को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

बैठक में जनकारी दी गई कि वर्ष 2024-25 में 35 लाख 3 हजार कृषकों कों 21 हजार 232 करोड़ रुपए का फसल ऋण वितरित किया गया, जो गत वर्ष की तुलना में 1286 करोड़ रुपए अधिक है। प्रदेश के आठ आकांक्षी जिलों क्रमश: खण्डवा, बड़वानी, गुना, राजगढ़, विदिशा, दमोह, छतरपुर और सिंगरौली में आगामी पांच वर्ष 6710 करोड़ रुपए का ऋण वितरण का लक्ष्य है। प्रदेश के 13 आकांक्षी विकास खण्डों में विभिन्न गतिविधियों पर आधारित 26 सहकारी समितियां गठित की गई हैं। जिला बैंकों और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में आईबीपीएस मुम्बई के माध्यम से अधिकारियों और समिति प्रबंधकों की नियुक्ति प्रक्रिया के अंतर्गत 36 अधिकारियों और 1358 समिति प्रबंधकों की नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। जिला सहकारी बैंकों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।