Special Story

उपजेल में बंद कैदी की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

उपजेल में बंद कैदी की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

ShivJun 13, 20253 min read

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले स्थित उप जेल में बंद…

तहसीलदार संजय राठौर ने महिला को मृत बताकर जमीन का किया नामांतरण, कमिश्नर ने किया निलंबित…

तहसीलदार संजय राठौर ने महिला को मृत बताकर जमीन का किया नामांतरण, कमिश्नर ने किया निलंबित…

ShivJun 13, 20252 min read

सूरजपुर। सूरजपुर जिले के भैयाथान तहसील में पदस्थ तहसीलदार संजय…

हनीट्रैप में युवक को फंसाकर मांगी 17 लाख की फिरौती, 2 गिरफ़्तार

हनीट्रैप में युवक को फंसाकर मांगी 17 लाख की फिरौती, 2 गिरफ़्तार

ShivJun 13, 20253 min read

जांजगीर-चांपा। ज़िले में एक सनसनीखेज हनी ट्रैप और फिरौती मांगने…

June 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी: नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने प्रश्न पूछे जाने के आधे घंटे पहले मिले उत्तर पर जताई आपत्ति

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सातवें दिन प्रश्नकाल में पहला प्रश्न भारतमाला परियोजना में प्रभावितों को मुआवजा में गड़बड़ी से जुड़ा हुआ था. प्रश्नकर्ता नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद प्रश्न का उत्तर आधे घंटे पहले मिलने पर आपत्ति जताई. मुद्दे पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया. 

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि मुझे प्रश्न का उत्तर अभी आधे घंटे पहले मिला, इसे इतनी देर में पढ़ा भी नहीं जा सकता, जबकि पिछले हफ्ते का प्रश्न था, जिसे आज के लिए लेना तय किया गया है. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी इसे व्यवस्था का प्रश्न बताते हुए नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया.

मामले में आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है. संसदीय कार्य मंत्री को निर्देशित करता हूँ कि सभी अधिकारियों को निर्देशित करें कि सर्वोच्च प्राथमिकता पर रख कर उत्तर मुहैया कराया जाए. इसके साथ ही इसे अगले हफ़्ते के पहले प्रश्न के तौर पर लिया जाएगा.

सामने आ रही निर्भय साहू की कारगुजारियां

बता दें कि रायपुर-विशाखापटनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भारतमाला परियोजना भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में गड़बड़ी पर निलंबित हुए तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान में जगदलपुर नगर निगम आयुक्त निर्भय साहू (राप्रसे) की कारगुजारियां धीरे-धीरे सामने आ रही हैं. निर्भय साहू ने नियमों में खामियों का जिस तरीके से इस्तेमाल किया है, वह अपने आप में नायाब है.

निर्भय साहू की कारगुजारियों से वाकिफ जानकार बताते हैं कि निर्भय साहू अभनपुर में कमोबेश तीन साल 15 अक्टूबर 2020 से लेकर 1 जून 2023 तक एसडीएम रहे. इसी दौरान भारतमाला प्रोजेक्ट में घोटाला हुआ. केंद्र से मिले मुआवजे का ऐसा बंदरबांट हुआ कि एक तरफ पूरा राजस्व अमला तो दूसरी तरफ जमीन के मालिक पूरे लाल हो गए.

निर्भय साहू की कारगुजारियों से वाकिफ जानकार बताते हैं कि निर्भय साहू अभनपुर में कमोबेश तीन साल 15 अक्टूबर 2020 से लेकर 1 जून 2023 तक एसडीएम रहे. इसी दौरान भारतमाला प्रोजेक्ट में घोटाला हुआ. केंद्र से मिले मुआवजे का ऐसा बंदरबांट हुआ कि एक तरफ पूरा राजस्व अमला तो दूसरी तरफ जमीन के मालिक पूरे लाल हो गए.

बताया जाता है कि अभनपुर में 9.38 किलोमीटर के एरिया में 50.28 हेक्टेयर प्रायवेट लैंड अधिग्रहित किया, उसके लिए 248 करोड़ का मुआवजा बांट दिया. इसमें अभी भी 78 करोड़ का क्लेम बचा है. वहीं धमतरी जिले के कुरूद में 51.97 किलोमीटर की सड़क के लिए 207.57 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहित की गई, उसके एवज में मात्र 108.75 करोड़ का मुआवजा बंटा. यह अंतर समझने के लिए पर्याप्त है कि निर्भय साहू किस स्तर के खिलाड़ी थे.

बताया जाता है कि सिक्स लेन एक्सप्रेस वे के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया जाना था, उसके लिए एसडीएम कार्यालय से 3ए का प्रकाशन भी हो गया था. कायदे से 3ए के प्रकाशन के बाद उस इलाके में जमीनों की रजिस्ट्री, खसरा और बटांकन का काम नहीं हो सकता. लेकिन इसके बाद भी 32 प्लाटों को 247 छोटे प्लॉटों में बांटकर करोड़ों रुपए का मुआवजा ले लिया. केवल निजी ही नहीं 51 हेक्टेयर सरकारी घास जमीन को निजी कर मुआवजे का बंदरबाट कर लिया.

दिल्ली से दबाव के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ. मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया.