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स्वर्गीय रामजीलाल अग्रवाल के शांति मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivJun 5, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज शाम सांसद बृजमोहन अग्रवाल…

अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो दवाइयों की पहुंच: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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ShivJun 5, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य विभाग के सभी प्रमुख…

लाल आतंक का अंत: नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है — मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivJun 5, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़…

नवा रायपुर में बनेगी राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी, खेल प्रतिभाओं को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच

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ShivJun 5, 20252 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए खेलों में भविष्य गढ़ने…

June 5, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

IPS जीपी सिंह को मिली डीजी रैंक पर पदोन्नति, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस अधिकारी गुरजिन्दर पाल सिंह (जीपी सिंह) को पुलिस महानिदेशक (DGP) वेतनमान में पदोन्नति दी है. गृह विभाग इस संबंध में आदेश जारी किया है. जारी आदेश के अनुसार, उन्हें 02 जुलाई 2024 से प्रभावी रूप से भारतीय पुलिस सेवा वेतन नियम, 2016 के तहत वेतन मेट्रिक्स लेवल 16 (₹2,05,400 – ₹2,24,400) में पदोन्नत किया गया है.

बता दें कि कैट के रास्ते सेवा बहाली के बाद हाल ही में जीपी सिंह एडीजी से डीजी भी प्रमोट हुए थे. अशोक जुनेजा के रिटायर होते ही डीजीपी के एक रिक्त पद के लिए डीपीसी की बैठक हुई थी. इसमें एडीजी जीपी सिंह को डीजी प्रमोट करने की अनुशंसा की गई थी.

कौन है जीपी सिंह

जीपी सिंह एक प्रभावशाली और अनुभवी आईपीएस अधिकारी हैं. उनका जन्म 1 जनवरी 1969 को हुआ था. उन्होंने बीई (मैकेनिकल) की डिग्री प्राप्त करने के बाद यूपीएससी परीक्षा पास कर 1994 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रवेश किया. जीपी सिंह ने 4 सितंबर 1994 को मध्यप्रदेश कैडर में सेवा ज्वाइन की थी. वह ग्वालियर में प्रशिक्षु आईपीएस के रूप में तैनात रहे और इंदौर के एडिशनल एसपी के पद पर भी कार्यरत रहे. वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया. इसके बाद जीपी सिंह ने महासमुंद और दंतेवाड़ा जिले में एसपी के रूप में कार्य किया. विशेष रूप से दंतेवाड़ा में उनके नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियानों को बड़ी सफलता मिली. उन्होंने कई नक्सलियों को सरेंडर करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.