Special Story

SATTE 2025: पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने बनाया विशेष स्टॉल

SATTE 2025: पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने बनाया विशेष स्टॉल

ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर।   दक्षिण एशिया के सबसे बड़े ट्रैवल एक्सपो SATTE (…

चना मिल में मजदूर की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, 25 लाख रूपये का मांगा मुआवजा

चना मिल में मजदूर की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, 25 लाख रूपये का मांगा मुआवजा

ShivFeb 24, 20251 min read

बलौदाबाजार-भाटापारा।   जिले के सुरखी स्थित चना फिल्टर मिल में हादसा…

February 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री श्री साय की अभिनव पहल : शासकीय स्कूलों में शुरू हुई पालक-शिक्षक बैठक

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नई शिक्षा नीति के संबंध में पालकों को जानकारी देने और शिक्षा में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के मद्देनजर राज्य में मेगा पालक-शिक्षक मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में प्राइवेट स्कूल में आयोजित होने वाले पीटीएम की तरह सरकारी स्कूलों में भी पालक शिक्षक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री श्री साय स्वयं भी पालक-शिक्षक मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। अपने जशपुर जिले के प्रवास के दौरान वे ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित पालक-शिक्षक मीटिंग में शामिल हुए थे और स्कूली बच्चों से नई शिक्षा नीति पर चर्चा के साथ-साथ पढ़ाई को लेकर संवाद किया। बैठक में सचिव स्कूल शिक्षा सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी शामिल हुए। संचालक लोक शिक्षण दिव्या मिश्रा भी आज महासमुंद जिले के 10 संकुलों में आयोजित बैठकों में शामिल हुई।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि अब तक 5500 संकुलों में पालक शिक्षकों की मीटिंग हो चुकी है। इसमें 10 लाख से अधिक पालक शिक्षक शामिल हुए हैं। एक पेड़ मां नाम अभियान के तहत स्कूलों में दो लाख से अधिक पौधों का रोपण पालक एवं शिक्षकों द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि पालक-शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य पढ़ाई लिखाई और स्कूली गतिविधियों में शिक्षकों के साथ पालकों की सहभागिता सुनिश्चित करना है। पालक शिक्षक बैठक चालू शैक्षणिक सत्र में तिमाही और अर्द्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के उपरांत पालक शिक्षक बैठक आयोजित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय और पालकों के मध्य समन्वय स्थापित करने साथ-साथ बच्चों की संपूर्ण गतिविधियों से पालकों को अवगत कराना है।

श्री परदेशी ने बताया कि इन आयोजनों के दौरान शिक्षकों का उन्मुखीकरण कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं में संकुल प्राचार्य के साथ पालक, शाला विकास समिति के सदस्य, जनप्रतिनिधि, काउंसलर, शिक्षक, शिक्षाविद्, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर आदि शामिल हो रहे हैं। इन बैठकों में 65 हजार से अधिक शिक्षकों का उन्मुखीकरण किया गया। इसके अलावा, 16 हजार से अधिक काउंसलर, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर और शिक्षाविदों ने अपनी सहमति दी।

श्री परदेशी ने बताया कि इन बैठकों में जन प्रतिनिधि, जिला कलेक्टर और पालक उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए शपथ भी ले रहे हैं। बैठक के बाद स्कूलों में न्यौता भोज का भी आयोजन किया जा रहा है। पालक-शिक्षक बैठकों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पालकों से चर्चा के अलावा बच्चों की शिक्षा के लिए घर में पालकों द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं पर सुझाव दिए जा रहे हैं, इसके अलावा योजनाओं और शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रमों, प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करने के लिए पालकों को एप डाउनलोड करवाए जा रहे हैं।