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मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

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ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

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ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 15, 2025

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जिला न्यायालय से हुआ अन्याय, हाईकोर्ट ने दिया न्याय : शादी की छुट्टी पर बर्खास्त होने वाले भृत्य को 9 साल बाद फिर से मिलेगी नौकरी

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है. जिला न्यायालय बालोद में पदस्थ एक भृत्य ने अपनी शादी के लिए सात दिन का अवकाश लिया था, लेकिन वह दस दिन बाद काम पर लौटा. इस पर उसे अनाधिकृत अवकाश का हवाला देते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. नौ साल तक चले कानूनी संघर्ष के बाद भृत्य को आखिरकार हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय को आदेश दिया है कि उसे 50 प्रतिशत पिछला वेतन देते हुए पुनः सेवा में बहाल किया जाए।

दरअसल, जिला न्यायालय बालोद में परीवीक्षा अवधि में भृत्य के पद पर राजेश देशमुख पदस्थ था. इस दौरान साल 2016 में उसकी शादी लग गई. घर में तैयारियां जारी थी, उसने अपनी शादी के लिए 7 दिन का अवकाश लिया. लेकिन शादी से लौटते हुए उसे देरी हो गई, अवकाश अवधि से 10 दिन बाद राजेश काम पर वापस आया. विभाग ने आरोप लगाया कि उसने अनाधिकृत रूप से अवकाश लिया है, जिसके बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. 

मुख्यालय से जारी नोटिस का राजेश ने जवाब भी दिया था, लेकिन इसपर असंतोष जताते हुए भृत्य सेवा से हटा दिया गया. पीड़ित ने प्रोबेशन में भी आरोपों की जांच और सुनवाई का अवसर मिलना जरूरी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जस्टिस संजय श्याम अग्रवाल की बेंच में मामलें की सुनवाई हुई. याचिककर्ता की ओर से उसके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिर्फ प्रोबेशन में रहने के कारण कर्मचारी को सेवा से हटाया नहीं जा सकता. प्रोबेशन पीरियड में रहने पर भी आरोप की विस्तृत जांच की जानी थी. बिना जांच के पद से हटाया नहीं जा सकता. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने देशमुख को 50 प्रतिशत पिछले वेतन के साथ सेवा में वापस लेने का जिला न्यायालय बालोद को निर्देश दिया.