Special Story

जीआईएस-2025 रचेगी भोपाल का नया इतिहास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जीआईएस-2025 रचेगी भोपाल का नया इतिहास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 22, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश…

पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पूरी क्षमता से करें कार्य : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पूरी क्षमता से करें कार्य : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 22, 20255 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अभियोजन अधिकारियों…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में करेंगे विधायकों से चर्चा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में करेंगे विधायकों से चर्चा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 22, 20251 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र…

February 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने सार्वजनिक उपक्रमों को लिखा पत्र, कहा- कितने बाहरी और कितने स्थानीय को दिया रोजगार, 7 दिन के भीतर मांगी जानकारी

रायपुर-   लवाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा जिले के सभी सार्वजनिक उपक्रमों सहित निजी प्रतिष्ठान को पत्र लिखकर बाहरी और स्थानीय श्रमिकों की जानकारी 7 दिवस के भीतर तलब की है. एसईसीएल के कोरबा, गेवरा, दीपका मुख्य महाप्रबंधक, बालको, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मंत्री देवांगन ने पत्र लिखा है.

मंत्री लखन लाल देवांगन ने पत्र के माध्यम से कहा है कि स्थानीय बेरोजगारों के माध्यम से आए दिन शिकायतें आ रही है की स्थानीय बेरोजगारों की बजाय बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है. जबकि स्थानीय लोगों को 70 फीसदी लेना है और बाहरी लोगों को 30 फीसदी लेना है. वर्तमान में सार्वजनिक उपक्रमों में नियोजित कई ठेका कंपनियों द्वारा स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा की जा रही है. जो की अनुचित है. मंत्री देवांगन ने सभी उपकर्मों से 7 दिन के भीतर स्थानीय और बाहरी श्रमिको की जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य सरकार की मंशा भी स्थानीय लोगों को काम पर रखने की है.

डाटा से स्थिति होगी स्पष्ट, बेरोजगारों को मिलेगा काम

पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक उपक्रमों में नियोजित निजी कंपनियों में कितने श्रमिक काम कर रहे हैं, श्रमिक स्थानीय हैं या फिर बाहरी हैं, इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने की दिशा में ठोस पहल नहीं हो पाती थी. निजी ठेका कंपनियों द्वारा मनमानी की जाती थी, अब श्रमिकों की वास्तिवक जानकारी सामने आने के बाद बेहतर प्रयास संभव हो सकेगा. उद्योग मंत्री देवांगन स्थानीय बेरोजगारों के लिए लगातार सार्थक प्रयास कर रहे हैं.