Special Story

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

ShivNov 17, 20241 min read

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंजाब केसरी लाला लाजपत…

कमिश्नर ने पलट दिया कलेक्टर-एसडीएम का आदेश, अतिक्रमण पर सरपंच के खिलाफ अब होगी जांच…

कमिश्नर ने पलट दिया कलेक्टर-एसडीएम का आदेश, अतिक्रमण पर सरपंच के खिलाफ अब होगी जांच…

ShivNov 17, 20242 min read

रायपुर। सरपंच और उसके परिजनों के विरुद्ध उपसरपंच और पंचों ने…

बिलासपुर में फूटी पाइप लाइन, बाजार के दुकानों में घुसा पानी…

बिलासपुर में फूटी पाइप लाइन, बाजार के दुकानों में घुसा पानी…

ShivNov 17, 20241 min read

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में आज अचानक अमृत मिशन…

आत्मानंद स्कूल के सामने मिली लाश, इलाके में मचा हड़कंप

आत्मानंद स्कूल के सामने मिली लाश, इलाके में मचा हड़कंप

ShivNov 17, 20241 min read

कोरबा।    छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा में आज…

छत्तीसगढ़ के शिमला में पारा पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस, राजधानी में बढ़ेगी ठंड

छत्तीसगढ़ के शिमला में पारा पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस, राजधानी में बढ़ेगी ठंड

ShivNov 17, 20242 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ में दिवाली के बाद तेजी से पारा गिरता…

November 17, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » समृद्ध भाषा और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का अवसर है भारतीय भाषा महोत्सव – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

समृद्ध भाषा और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का अवसर है भारतीय भाषा महोत्सव – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय भाषा महोत्सव हमारी समृद्ध भाषा और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और प्रोत्साहित करने का अद्भुत अवसर है। भारतीय भाषाओं में हिंदी का विशेष महत्व रहा है। हिंदी का संबंध संस्कृत से है। संपूर्ण भारतीय संस्कृति में संस्कृत की व्यापकता है और यही सांस्कृतिक व भाषाई विस्तार अखंड भारत के स्वरूप का आधार है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माधवराव सप्रे संग्रहालय द्वारा संचालित गतिविधियों की सराहना करते हुए संग्रहालय को राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे 10 लाख रुपये के अनुदान को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय द्वारा आयोजित भारतीय भाषा महोत्सव का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे।

सप्रे संग्रहालय संदर्भिका और भाषा सत्याग्रह पुस्तिकाओं का हुआ विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का सप्रे संग्रहालय में शॉल, पुस्तकें और कलम की प्रतिकृति भेंट कर अभिवादन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सप्रे संग्रहालय संदर्भिका और भाषा सत्याग्रह पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने सप्रे संग्रहालय में विशेष सहयोग के लिए आशीष अग्रवाल का सम्मान किया। इसके साथ ही पंडित रामेश्वर दास गार्गव स्मृति ई-लाइब्रेरी में योगदान के लिए डॉ. नरेंद्र दत्त गार्गव और कृष्ण गोपाल व्यास विज्ञान संचार प्रभाग में सहयोग के लिए डॉ. जयप्रकाश शुक्ला का सम्मान किया गया। इस अवसर पर डॉ. वीणा सिन्हा और डॉ. हेमंत सिंह को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने की।

भाषाओं के साथ-साथ बोलियों का भी विशेष महत्व

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में भाषाओं के साथ-साथ बोलियों का भी विशेष महत्व रहा है। बोलियों की विशेषता क्षेत्रीय इतिहास से भी जुड़ी है। बुंदेली जहां शौर्य, पराक्रम और पुरुषार्थ से परिपूर्ण है, वहीं मालवी बोली की अपनी गहराई है। इस पर स्थानीय परिस्थितियों का प्रभाव रहा, परन्तु मालवी बोली ने हमेशा अपनी पहचान बनाए रखी। कई भाषाओं और बोलियों को समाहित करते हुए हिंदी निरंतर समृद्ध होती जा रही है। लगभग एक हजार साल की ऐतिहासिक यात्रा तय कर हिंदी ने वर्तमान स्वरूप प्राप्त किया है। इस ऐतिहासिक कालखंड में कई गैर हिंदी भाषी महापुरुषों ने भी हिंदी का समर्थन किया। इसमें साहित्यकार माधवराव सप्रे की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। प्रदेश में विकसित हो रहे पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं, जिनमें सभी विचारों की पुस्तक उपलब्ध कराई जा रही है।

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में संस्कृत और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में देश में अग्रणी रहा है।

भाषायी सौहार्द-समन्वय और सर्वसमावेशी भाव से आयोजित हो रहा है भारतीय भाषा महोत्सव

कार्यक्रम के संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने बताया कि सप्रे संग्रहालय द्वारा ‘अपनी भाषा पर अभिमान-सभी भाषाओं का सम्मान’ के विचार सूत्र के साथ भाषायी सौहार्द-समन्वय और सर्वसमावेशी भाव से भारतीय भाषा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हिन्दी और भारतीय भाषाओं के साथ दैनिक कार्य व्यवहार में जनता की भाषा को अधिक से अधिक शामिल करने के प्रयास इस आयोजन के प्रमुख आयाम हैं।