Special Story

जानिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल के किस बयान पर भड़के मंत्री ओपी चौधरी

जानिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल के किस बयान पर भड़के मंत्री ओपी चौधरी

ShivMay 15, 20252 min read

रायपुर। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज…

क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं रहेगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं रहेगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMay 15, 20254 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी…

बहनों के लिए राज्य सरकार के द्वार सदैव हैं खुले : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

बहनों के लिए राज्य सरकार के द्वार सदैव हैं खुले : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMay 15, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य…

नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

ShivMay 15, 20251 min read

धमतरी। धमतरी के चमेंदा जंगल में जारी नक्सल विरोधी सर्च…

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

ग्रामीण अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव की बढ़ी विश्वसनीयता, 24 घंटे में 2 हॉस्पिटल में 9 नवजातों की गूंजी किलकारी

गरियाबंद।    छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में सुरक्षित प्रसव को लेकर गर्भवती महिलाओं का अस्पतालों पर विश्वास सुदृढ़ होता नजर आरहा है. बीते 24 घंटों में 2 अलग-अलग असपतालों में कुल 9 नवजातों को सुरक्षित प्रसव कराया गया है. देवभोग अस्पताल ने सुरक्षित संस्थागत प्रसव का एक और उदाहरण पेश किया है. शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर अस्पताल में 5 नवजातों ने जन्म लिया, जिससे अस्पताल का परिसर खुशियों से गूंज उठा. इनमें से दो बच्चे जुड़वा हैं. बता दें, तीन महीने पहले भी यहां 16 घंटे में 6 नवजातों की किलकारी गूंजी थी.

टीम वर्क से संभव हुआ सुरक्षित प्रसव

बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू ने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गार्गी यदु के मार्गदर्शन में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. नियमित मॉनिटरिंग और स्वास्थ्य टीम की कड़ी मेहनत से दूरस्थ इलाकों में भी सुरक्षित प्रसव सफल हो पा रहे हैं. इन 5 बच्चों के प्रसव की उपलब्धि में ड्यूटी डॉक्टर रोशन कंचन, नर्स गायत्री, बबीता, समारिन और अनीता साहू का विशेष योगदान रहा.

सरकार की नीतियों का असर

सीएमएचओ डॉक्टर गार्गी यदु ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हांकित करने की जो नीति बनाई है उससे जच्चा बच्चा सुरक्षित हो रहा है. मैदानी स्वास्थ्य अमला गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं के साथ रहता है. टीम वर्क और नियमित निगरानी के कारण ही यह सफलता संभव हो रही है.”

खड़मा पीएचसी ने भी रचा इतिहास

वहीं छुरा ब्लॉक के जनजातीय क्षेत्र खड़मा में भी सुरक्षित प्रसव की सफलता का नया अध्याय जुड़ा है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 घंटे के भीतर 4 सुरक्षित प्रसव कराए गए. यह पहली बार है जब इतने कम समय में इस ग्रामीण क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इस ग्रामीण इलाके में सुरक्षित प्रसव को लेकर विभाग ने कई खामियों को दूर कराया और विशेष अभियान चलाया, जिसके बाद अब जा कर इसके परिणाम नजर आ रहे हैं.