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March 1, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

विष्णुदेव साय सरकार में आम आदमी की बढ़ रही आय, ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले एक साल में आया भारी उछाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार के नेतृत्व में राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है. विष्णुदेव सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है, जिससे कृषि प्रधान राज्य की बहुसंख्यक आबादी की आय तेजी से बढ़ी है. महतारी वंदन योजना के तहत प्रति महीने दिये जा रहे 700 करोड़ रुपये ने भी परिवार की क्रय शक्ति में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ने से बाजार गुलजार हुए हैं. खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि आम आदमी की आय में वृद्धि हो रही है और उनकी क्रय शक्ति बढ़ रही है.

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजनाओं और दिशा-निर्देश से सुधरी अर्थव्यवस्था के प्रभाव से ऑटोमोबाइल सेक्टर का सितारा चमक उठा है. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण अंचल की बेहतरीन अर्थव्यवस्था से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में चमत्कारिक उछाल देखने को मिल रहा है. प्रदेश में साय सरकार आने के बाद से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर में बढ़ोतरी ही देखी गई है. छत्तीसगढ़ ने 18.57 प्रतिशत की वृद्धि के साथ भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है जो 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहन बिक्री में सबसे ऊपर है.

जनवरी और नवंबर 2024 के बीच 6.69 लाख से अधिक वाहन बेचे गए. छत्तीसगढ़ राज्य ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से नए मानक स्थापित किए हैं, जो कि बहुत अधिक है. इस साल जनवरी में 67273 नए वाहनों की बिक्री हुई है जो नए वाहनों की बिक्री में पिछले साल जनवरी की तुलना में 16.37% का इजाफा है, क्योंकि जनवरी 2024 में 57810 नए वाहनों की बिक्री हुई थी.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के 10 महीनों में से 8 महीने के दौरान नए वाहनों की सेल में जबरदस्त उछाल आया था. वित्तीय साल के पहले माह अप्रैल 24 में नए वाहनों की बिक्री में 43.25 प्रतिशत, मई 38.44 प्रतिशत, जून 25.28 प्रतिशत, जुलाई 35.33%, अगस्त 17.34 %, अक्टूबर 62.23 प्रतिशत, नवम्बर 8.65 प्रतिशत तथा जनवरी 25 में 16.37 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.

वर्ष 2025 जनवरी में प्रदेश के आरटीओ, एआरटीओ तथा डीटीओ कार्यालयों में 8759 नई कारों का पंजीयन किया गया है.. राजधानी रायपुर में सर्वाधिक 7126 नई कारों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. दूसरे स्थान पर बिलासपुर आरटीओ में 245 तथा तीसरे स्थान पर दुर्ग आरटीओ में 138 नए वाहनों का पंजीयन किया गया.

जनवरी 2025 में राज्य के परिवहन कार्यालयों में कुल 46428 नए वाहनों का पंजीयन किया गया जिसमें सबसे ज्यादा 7810 नए मोटर सायकल स्कूटर का पंजीयन आरटीओ रायपुर में किया गया. एक माह में आरटीओ रायपुर में 17870 नए वाहनों का पंजीयन किया गया है. 4247 नए वाहनों के पंजीयन के साथ बिलासपुर आरटीओ दूसरे स्थान पर है. तीसरा स्थान दुर्ग आरटीओ को मिला है, वहां 4139 नए वाहनों का पंजीयन किया गया है.

जनवरी 25 में अम्बिकापुर आरटीओ में 2826, बैकुण्ठपुर डीटीओ 1177, बालोद 1129, बलौदाबाजार 2202, बलरामपुर 1139, बेमेतरा 1398, बीजापुर 322 दंतेवाड़ा 535, धमतरी 1955, गरियाबंद 997, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही 703, जगदलपुर आरटीओ 2002, जांजगीर-चांपा डीटीओ 3350, जशपुर 1534, कांकेर 1631, कवर्धा 1740, कोण्डागांव 1447, कोरबा 2934, महासमुंद 1981, मुंगेली 1460, नारायणपुर 335, रायगढ़ 3918, राजनांदगांव एआरटीओ 3113, सुकमा 229 तथा सूरजपुर डीटीओ में 960 नए वाहनों का पंजीयन किया गया है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में ऐतिहासिक वृद्धि

राज्य में ऑटोमोबाइल कंपनियों और डीलरशिप्स के मुताबिक, पिछले एक साल में दोपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.. आंकड़ों के अनुसार, 2023 की तुलना में 2024 में ऑटोमोबाइल बिक्री में 35% की वृद्धि दर्ज की गई है.

वाहन डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया, “बीते एक साल में दोपहिया और कारों की बिक्री में तेजी आई है.. खासकर बजट सेगमेंट की गाड़ियां और इलेक्ट्रिक वाहन लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि लोगों की आय बढ़ी है और वे अपने जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं”

मुख्यमंत्री साय ने रायपुर में ‘ऑटो एक्सपो – 2025’ का शुभारंभ किया, जो राज्य में ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रगति का प्रतीक है. एक अनुमान के मुताबिक गणेश पक्ष के 10 दिनों के दौरान पूरे प्रदेश में फोर व्हीलर गाड़ियों में कार और ट्रक को मिलाकर लगभग 400 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, जिसमें अकेले रायपुर में 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता है.

बात अगर टू व्हीलर गाड़ियों की करें तो पूरे प्रदेश में टू व्हीलर गाड़ियों का कारोबार 200 करोड़ रुपए का होता है. इसमें अकेले रायपुर में टू व्हीलर का कारोबार 50 करोड़ रुपए का होता है. यह कारोबार नवरात्रि की तुलना में 25 फीसद का कारोबार होता है.

रायपुर के दोपहिया वाहन शोरूम के संचालक शैलेश खेमानी ने कहा है कि, “सामान्य दिनों में एक महीने में जितना कारोबार होता है, गणेश पक्ष के 10 दिनों के दौरान 75 फीसदी का कारोबार होता है. हर कंपनी की गाड़ियां बिकती है. लोग अलग-अलग मॉडल के कंपनी की गाड़ियों के शौकीन होते हैं. अपनी बजट के आधार पर दुपहिया वाहनों की खरीदी करते हैं.”

वहीं, शोरूम के जनरल मैनेजर मनोज सिंह राजपूत ने कहा कि, “गणेश पक्ष को लोग शुभ मानकर चारपहिया वाहनों की खरीदी करते हैं. अधिकतर गाड़ियां 6 लाख से शुरू होकर 20 से 25 लाख रुपए तक में बिकती है. सिट्रोन कंपनी की नई कार भारत में 2 साल पहले आई थी. छत्तीसगढ़ में यह कार अप्रैल माह में लाई गई है, जो बैटरी के साथ ही पेट्रोल से भी चलती है.” छत्तीसगढ़ के त्यौहारी सीजन में ऑटोमोबाइल का कारोबार 600 करोड़ रुपए तक होने की उम्मीद की जा रही है.

छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में दिखने वाली यह वृद्धि मुख्य रूप से राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों के कारण है, जिन्होंने राज्य के नागरिकों के आर्थिक दशा उल्लेखनीय सुधार किया है. प्रधानमंत्री आवास योजना, धान खरीदी, पेंशन योजनाएं, कौशल विकास जैसी बहुत सी योजनाओं के अतिरिक्त वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करके राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता की क्रय शक्ति में असाधारण विकास किया है, जिससे ना केवल प्रदेशवासियों की आजीविका में सुधार हुआ है, बल्कि बाजार भी गतिमान हुआ है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2025 में घोषित सरकारी पहलों से सहायता प्राप्त ग्रामीण भी ऑटो मोबाइल सेक्टर को विकास दे रहे हैं.. वे दो पहिया सेगमेंट और पीवी सेगमेंट में एंट्री-लेवल कारों की बिक्री को बढ़ा रहे हैं.. छत्तीसगढ़ का ऑटोमोबाइल सेक्टर देश में अग्रणी बन गया है, जो राज्य की समग्र आर्थिक प्रगति को दर्शा रहा है.

सरकारी नीतियों का सकारात्मक प्रभाव

राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं, निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक नीति में सुधार के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर में यह उछाल देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में कहा, “हमारी सरकार ने रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है.. विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे में भी निवेश किया गया है, जिससे लोगों की आय में वृद्धि हो रही है और वे बड़े खर्च करने में सक्षम हो रहे हैं”

सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे युवा स्वरोजगार योजना, महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना और ग्रामीण विकास योजनाओं के कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है.. इससे प्रत्यक्ष रूप से बाजार में मांग बढ़ी है, जिसका सीधा असर ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा है..

बढ़ती मांग के पीछे की वजहें

विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में आय में वृद्धि और ऑटोमोबाइल बिक्री के बढ़ने के पीछे कई मुख्य कारण हैं:

कृषि और उद्योगों में बढ़ा निवेश: सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने और उद्योगों को बढ़ावा देने से ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में आमदनी बढ़ी है.

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता: राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने से लोग ज्यादा संख्या में ई-वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

आसान फाइनेंसिंग विकल्प: बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों द्वारा सस्ते ब्याज दरों पर लोन और आसान ईएमआई योजनाएं उपलब्ध कराने से लोग नए वाहन खरीदने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार: बेहतर सड़कें और एक्सप्रेस वे बनने से लोग अब नए और बड़े वाहनों में निवेश करने को तैयार हैं.
आर्थिक विकास की दिशा में राज्य की नई पहचान

छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई यह वृद्धि राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने का संकेत है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो अगले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ न केवल मध्य भारत बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख आर्थिक केंद्र बन सकता है. विष्णु देव साय सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे लोगों की आय में इजाफा हो रहा है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई तेजी इसका स्पष्ट प्रमाण है. अगर सरकार की नीतियां इसी तरह जारी रहीं, तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश के सबसे तेजी से विकसित होते राज्यों में शामिल हो सकता है.