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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मूँदी में माँ नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा में हुए सम्मलित

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ShivMar 15, 20251 min read

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जनता के लिये पुलिस करती है सभी चुनौतियों का सामना : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 15, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पुलिस…

झाबुआ में शीघ्र आरंभ होगा मेडिकल कॉलेज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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भाजपा की सख्त कार्रवाई, वनवासी मौर्य 6 साल के लिए निष्कासित

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ShivMar 15, 20251 min read

जगदलपुर।  भारतीय जनता पार्टी ने बस्तर जिले में हुए त्रिस्तरीय…

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ShivMar 15, 20252 min read

रायपुर।  होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से…

बगिया में बच्चों संग मुख्यमंत्री श्री साय ने मनाया होली का त्यौहार

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ShivMar 15, 20252 min read

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March 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भिलाई में पशु क्रूरता का विरोध किया तो शिक्षक ने किया पत्रकार पर हमला, FIR दर्ज, पत्रकारों में आक्रोश, कहा – आरोपियों की जल्द हो गिरफ्तारी

भिलाई। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते एक पत्रकार हमेशा लोगों की आवाज बनता है। इसी तरह बेजुबान जानवरों को न मारने के लिए समझाइश देने गए एक पशुप्रेमी जो पेशे से पत्रकार है, जब उसके साथ एक शिक्षक दुर्व्यवहार करें तो आप क्या कहेंगे? कुछ ऐसी घटना भिलाई में गुरुवार को हुई. भिलाई निवासी जम्मू कश्मीर के एक नामी स्कूल का प्रिंसिपल सचिन शुक्ला ने अपने साथी पड़ोसी अवनीश कुमार के साथ मिलकर भिलाई के पत्रकार लाभेश घोष से गाली-गलौज और मारपीट की है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने एक इंसान होने का फर्ज निभाया और बेजुबान को मारने से रोका. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है.

दीनदयाल कॉलोनी, जुनवानी रोड, भिलाई निवासी पशुप्रेमी पत्रकार लाभेश ने बताया कि जब स्मृति नगर चौकी क्षेत्र में पशु क्रूरता के खिलाफ उसने आवाज उठाई तो सचिन शुक्ला ने उनसे न केवल गाली-गलौज की, बल्कि मोबाइल छीनने के साथ शारीरिक हमला भी किया. उन्होंने कई मुक्के मारे और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. साथ ही सरेआम अपमानित किया. इन सब में उनका साथ उनके पड़ोसी और मित्र अवनीश कुमार ने दिया.

इस मामले में स्मृति नगर चौकी पुलिस ने BNS की धारा 296, 115(2) और 3(5) के तहत जीरो में मामला दर्ज किया है. इस घटना से भिलाई के पत्रकारों में आक्रोश है. उन्होंने आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है. पीड़ित लाभेश ने बताया, सचिन शुक्ला एक शिक्षक हैं और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की किसी डीएवी स्कूल शाखा में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं. शिक्षा का मूल उद्देश्य समाज को नैतिकता, करुणा और अहिंसा का पाठ पढ़ाना होता है, लेकिन जब खुद एक शिक्षक इस तरह की हिंसा करता है तो यह पूरे समाज और शिक्षा प्रणाली के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है. ऐसे शिक्षक बच्चों को क्या सिखाएंगे? क्या हम ऐसे समाज में रहना चाहते हैं, जहां नैतिकता और संवेदनशीलता को नजरअंदाज कर दिया जाए।

पशुओं को लेकर कुछ अहम क़ानून

-पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 – इस अधिनियम के तहत पशुओं के साथ किसी भी प्रकार की क्रूरता गैरकानूनी है, और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

-BNS 325 – यह प्रावधान स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करता है कि किसी भी पशु को गंभीर चोट पहुँचाना एक अपराध है और इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है.

-भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(G) – यह अनुच्छेद स्पष्ट रूप से कहता है कि प्रत्येक नागरिक को यह मूलभूत अधिकार प्राप्त है कि वह पशुओं को भोजन करा सकता है और उन्हें सुरक्षा प्रदान कर सकता है. किसी को भी उन्हें मारने, प्रताड़ित करने या उनके विस्थापन (relocation) का अधिकार नहीं है.

न्याय की मांग और समाज के लिए संदेश

पीड़ित लाभेश घोष ने कहा, “मैं प्रशासन और कानून से अपील करता हूं कि सचिन शुक्ला और अवनीश कुमार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि न्याय मिले और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं. यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमले का नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक मुद्दे को उजागर करता है कि क्या हम एक ऐसे समाज की ओर बढ़ रहे हैं जहां हिंसा, अन्याय और दमन को सामान्य मान लिया जाएगा? यदि हम आज चुप रह गए तो कल यही हिंसा हमारे और हमारे बच्चों के खिलाफ भी हो सकती है.

उन्होंने कहा, समाज के प्रत्येक नागरिक को यह समझना होगा कि नैतिकता, करुणा और अहिंसा ही एक सभ्य समाज की नींव है. जब हम जानवरों के साथ क्रूरता की अनदेखी करते हैं तो यह धीरे-धीरे समाज में बड़े अपराधों का रास्ता खोलता है. अगर एक शिक्षक इस तरह की हिंसा कर सकता है तो सोचिए कि आने वाली पीढ़ी के लिए वह क्या उदाहरण पेश कर रहा है? “मैं सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, और जागरूक नागरिकों से अपील करता हूं कि इस मामले को गंभीरता से लें और न्याय के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करें.