Special Story

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

ShivNov 15, 20241 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजगढ़ जिले के…

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में…

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माँ क्षिप्रा…

November 16, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » प्रकृति के महत्व एवं गाँव की संस्कृति को भगवान श्रीकृष्ण ने प्रतिष्ठित किया : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रकृति के महत्व एवं गाँव की संस्कृति को भगवान श्रीकृष्ण ने प्रतिष्ठित किया : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।     मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है किभगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं व जीवन चरित्र के माध्यम से प्रकृति व गौवंश के महत्व एवं गाँव की संस्कृति को प्रतिष्ठित किया। उनके जीवन का हर पक्ष प्रेरणादायी है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें सीख मिलती है कि मनुष्य में हर प्रकार के कष्ट निवारण की क्षमता विद्यमान है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा समाज की भलाई के लिये रखे गए आदर्शों को सामने लाने के लिये सरकार ने गौपूजन एवं गोवर्धन पूजा करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को ग्वालियर की आदर्श गौशाला लाल टिपारा में गोवर्धन पूजन एवं मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित जिला स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाल टिपारा गौशाला में लगभग 108 टन गोबर से निर्मित 11 फीट ऊँचे गोवर्धन पर्वत और इस पर्वत पर गोब से ही निर्मित लगभग 8 फीट ऊँची भगवान श्रीकष्ण की प्रतिमा की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना कीऔर गोवर्धन पर्वत की आरती उतारी। उन्होंने गोवर्धन पूजा के माध्यम से ग्वालियर सहित प्रदेश की सुखसमृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर गौमाता का पूजन किया और सहला कर हरी घास खिलाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। एक ओर गोबर से निर्मित विशाल गोवर्धन पर्वत, दूसरी ओर सजी-धजी गौ-माताएँ और कतारबद्ध खड़े ग्वाल-ग्वाले देखकर लाल टिपारा परिसर में ऐसा आभासहो रहा था कि मानो यहाँ ब्रजधाम उतर आया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर मंचासीन संतजनों को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री लखन पटेल, सांसद भारत सिंह कुशवाह, कृष्णायन गौशाला एवं लाल टिपारा गौशाला के संत अच्युतानंद जी महाराज व ऋषभदेवानंद जी महाराज सहित अन्य संतजन, विधायक प्रीतम लोधी, नगर निगम सभापति मनोज सिंह तोमर, आशीष अग्रवाल, अभय चौधरी व कौशल शर्मा, बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र यादव, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल व जयसिंह कुशवाह व दीपक शर्मा सहित जनप्रतिनिधि मंचासीन थे।

लाल टिपारा गौशाला पूरे देश के लिये उदाहरण बनेगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला की सराहना करते हुए कहा कि यह गौशाला प्रदेश ही नहीं पूरे देश में आदर्श स्थापित कर रही है। उन्होंने इस गौशाला को आदर्श बनाने में श्री कृष्णायन गौशाला के संतों द्वारा दिए गए योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया। साथ ही कहा कि लाल टिपारा गौशाला में आईओसीएल द्वारा लगाए गए सीवीजी गैस प्लांट से अब गौशाला आत्म निर्भर बनेगी। यहां गोबर से निर्मित होने वाली गैस से जहां एक ओर नगर निगम के वाहनं संचालित होगें वहीं दूसरी ओर जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने संत श्री अच्युतानंद जी को भरोसा दिलाया कि गौशाला के विस्तार के लिये आपने जो सुझाव रखे हैं उन पर गंभीरता से अमल किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसके लिये अच्युतानंद जी को भोपाल आने का न्यौताभी दिया है।

भारतीय नस्ल की गाय ने ब्राजील में किया क्रांतिकारी बदलाव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूरे विश्व में इस ध्रुव सत्य को स्वीकार किया गया है कि गौ माता के दूध में सबसे शुद्ध पोषक तत्व पाए जाते हैं। गाय के दूध से कुपोषण की समस्या का भी समाधान संभव है। उन्होंने गौवंश की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुजरात कीगिरि नस्ल की गाय ने ब्राजील देश में क्रांतिकारी बदलाव लाने का काम किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाय धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी करोड़ों भारतीयों के लिये पूजनीय है। आज पंचगव्य सहित अनेक उत्पाद आमजन द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं। आयुर्वेद में गौवंश के पंचगव्य जिसमें दूध, दही, घी, गोबर और गौ-मूत्र का उल्लेख मिलता है जो बीमारियों की रोकथाम के साथ हमारे जीवन में विशेष उपयोगी हैं।

हर संभाग में खोली जायेंगीं बड़ी-बड़ी गौशालाएँ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गौ-पालन व संरक्षण को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों व प्रदेश के संभागों में बड़ी-बड़ी गौशालाएँ प्रारंभ की जायेगी। शहरों की गौशालाओं में 10 हजार तक गौवंश रखने की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि गाय का कुनबा बढ़े, इसके लिए जो लोग 10 से अधिक गायों का पालन करेंगे, उन्हें सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन दिया जायेगा।

सरकार पर निर्भर न रहकर हम सब भी लें गौ संरक्षण की जिम्मेदारी – मंत्री श्री कुशवाह

उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि निराश्रित रूप से घूमने वाली गौ-माताओं के संरक्षण की जिम्मेदारी जितनी सरकार की है उतनी ही हम सबकी भी है। इसलिए गौ संरक्षण में हम सबको भी सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए। हम सब गौसंरक्षण के लिये आगे आयेंगे तभी सरकार के प्रयास भी फलीभूत होंगे।

लाल टिपारा गौशाला से नगर निगम को भी फायदा होगा – ऊर्जा मंत्री श्री तोमर

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा कि लाल टिपारा गौशाला में बड़े पैमाने पर गौ संरक्षण के साथ-साथ अब ग्वालियर नगर निगम को भी फायदा होगा। यहाँ पर बनने वाली सीएनजी गैस से नगर निगम के वाहन चलेंगे। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि ग्वालियर को स्वच्छता में अव्वल बनाने के लिये सभी शहरवासी समर्पित भाव से सहयोग करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में ग्वालियर को विकास पथ पर आगे बढ़ाने में हर संभव सहयोग मिलेगा।

ग्वालियर की गौशाला से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा – सांसद श्री कुशवाह

सांसद भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि ग्वालियर की आदर्श गौशाला मध्यप्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर गौसेवा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है। लाल टिपारा गौशाला के सीएनजी प्लांट का लाभ ग्वालियर शहर को मिलेगा। साथ ही यहाँ उत्पादित जैविक खाद से जिले में जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे गौशाला की आमंदनी बढ़ेगी और वह आत्मनिर्भर गौशाला बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संकल्प है कि विकास के साथ-साथ विरासत का भी संरक्षण हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार यह काम बखूबी ढ़ंग से कर रही है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समा

ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला में शनिवार 2 नवम्बर को गोवर्धन पूजा के साथ मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। मथुरा-बृंदावन से आये समूह ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं पर संगीतमय नृत्य प्रस्तुत किया। इंडियन आइडल फेम सुश्री शिनी कलविंट द्वारा प्रस्तुत गोवर्धन आरती से सबको मन्त्र मुग्ध किया। कार्यक्रम में विशेष सशस्त्र पुलिस बल के बेंड की मनमोहक प्रस्तुति हुई। साथ ही राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की छात्राओं ने भी शास्त्रीय संगीत व नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर चित्रकला एवं मलखम्ब व सितौलिया जैसे पारंपरिक खेलों पर केन्द्रित प्रतियोगितायें भी हुईं।

गौ-सेवकों का हुआ सम्मान

लाल टिपारा गौशाला में गोवर्धन पूजा एवं मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा गौसेवकों एवं अन्य सेवाभावी नागरिकों को मंच से सम्मानित किया गया। पिछले कईवर्षों से गौमाता की सेवा जुटे गौसेवक श्री आनंद तिवारी को गौ-सेवक सम्मान प्रदान किया गया। गाय के गोबर से कई वस्तुओं को बनाने वाली सुश्री ममता कुशवाह को गोबर शिल्पकार सम्मान दिया गया। साथ ही जैविक खेती के लिये विवेक, गोवर्धन की मूर्ति बनाने वाले दिलीप गोयल, भागवत कथा वाचक जितेन्द्र तथा डॉ. अंकित, डॉ. राघवेन्द्र सहित गौसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे अन्य नागरिकों को सम्मानित किया गया।

गौ उत्पादों की प्रदर्शनी को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सराहा

गोवर्धन पूजा के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर गौमाता के दुग्ध व गोबर सहित अन्य पंचगव्य से निर्मित प्रदर्शनी लगाई गई थी। साथ ही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों द्वारा भी गोबर से निर्मित अनेक सजावटी सामान बिक्री के लिए रखे गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अन्य अतिथियों ने सभी स्टॉल पर जाकर उत्पाद देखे एवं इस प्रदर्शनी की सराहना की।

कन्हैया बने बच्चे को मुख्यमंत्री ने गोद में लेकर किया प्यार-दुलार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जैसे ही लाल टिपारा गौशाला परिसर में प्रवेश किया तो उन्हें ग्वाल-ग्वालिनों की टोली खड़ी दिखाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगे बढ़कर कन्हैया बने खड़े एक बच्चे को गोद में उठा लिया और उसे खूब प्यार-दुलार किया।