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क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं रहेगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMay 15, 20254 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी…

बहनों के लिए राज्य सरकार के द्वार सदैव हैं खुले : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMay 15, 20254 min read

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नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

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ShivMay 15, 20251 min read

धमतरी। धमतरी के चमेंदा जंगल में जारी नक्सल विरोधी सर्च…

छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को बड़ी राहत: साय सरकार ने महंगाई राहत दरों में की वृद्धि, आदेश जारी

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ShivMay 15, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है।…

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

ठेका निरस्त होते ही सैंकड़ों स्वास्थ्य मितान हुए बेरोजगार, सरकार से समायोजन की कर रहे मांग

रायपुर।   आयुष्मान भारत योजना में अहम भूमिका निभा चुके छत्तीसगढ़ के सैकड़ों स्वास्थ्य मितान ठेका समाप्त होने के बाद बेरोजगार हो गए हैं. नाराज मितानों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री से उन्हें डाटा एंट्री ऑपरेटर के पदों पर समायोजित करने की मांग की है. सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

स्वास्थ्य मितानों ने बताया कि वे पिछले 10 से 12 वर्षों से थर्ड पार्टी कंपनियों के माध्यम से राज्य के सभी 33 जिलों में आयुष्मान योजना के तहत कार्यरत थे. उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाना, वय वंदन कार्ड प्रोसेस करना, क्लेम वेरिफिकेशन और अपलोडिंग जैसे महत्वपूर्ण कामों में योगदान दिया. लेकिन 30 अप्रैल 2025 को उनका ठेका बिना किसी विस्तार या वैकल्पिक व्यवस्था के समाप्त कर दिया गया.

मितानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ ने आयुष्मान कार्ड जनरेशन में देश के टॉप 5 राज्यों में जगह बनाई है. इसके साथ ही क्लेम प्रोसेसिंग के मामले में भी राज्य ने राष्ट्रीय औसत से दो गुना बेहतर प्रदर्शन कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. जिसका बड़ा श्रेय स्वास्थ्य मितानों को जाता है, लेकिन 4-5 महीने तक वेतन नहीं मिला इसके बावजूद सेवा जारी रखा गया.

अब इन कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें स्टेट हेल्थ एजेंसी के अंतर्गत डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पदों पर समायोजित किया जाए ताकि योजना की निरंतरता बनी रहे और वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें. उनका कहना है कि अगर अब भी सरकार ध्यान नहीं देती, तो वे ज्ञापन अभियान चलाएंगे और जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.