कस्टम मिलिंग में हुआ भारी भ्रष्टाचार, साय सरकार ने जारी किया बयान
रायपुर- कस्टम मिलिंग में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. विष्णुदेव सरकार ने बयान जारी कर यह जानकारी दी है. सरकार ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के प्रतिवेदन रिपोर्ट पत्र के आधार पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में अपराध क्रमांक 01 / 2024 धारा 120बी, 409 मा. द.वि. एवं धारा 13(1) (क) सहपठित धारा 13 (2) एवं धारा-11 . निवा. अधि के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय रिपोर्ट पर यह पाया गया कि विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुये विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।
प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है। जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है । किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्यवाही से लगभग 1.06 करोड़ रूपये की कैश राशि प्राप्त हुई है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है तथा बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए है। लगभन 140 करोड़ रूपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।
राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफ.सी.आई. में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है में व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी एवं तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर कु. प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रुंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपडा एवं कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है, जो प्रथम दृष्टया अपराध धारा 120 बी, 409 भा.द.वि. एवं धारा 13 (1) (क) सहपठित धारा 13 ( 2 ) एवं 11. अ.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।