रक्षा मंत्री की सीडीएस और तीनों सेना प्रमुख के साथ हाई लेवल बैठक, 2 घंटे की मीटिंग में पाकिस्तान को घुटनों पर लाने की बनी रणनीति

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति और भारतीय सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए. पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद गुरुवार रात लगभग 8 बजे भारत के विभिन्न शहरों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया. इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ दो घंटे तक बैठक की. इस दौरान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान के साथ मौजूदा स्थिति पर जानकारी साझा की. वहीं, एयरफोर्स प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में बताया.
कॉम्बैट ड्रेस में नजर आए तीनों सेना प्रमुख
रक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में तीनों सेना प्रमुख कॉम्बैट ड्रेस में मुस्कुराते हुए दिखाई दिए. साउथ ब्लॉक में इस ड्रेस में उनकी मुस्कान का अर्थ यह है कि हमने पाकिस्तान को प्रभावी जवाब दिया है और भविष्य में भी दुश्मन की हर चाल का मजबूती से सामना करेंगे.
दुश्मन को धूल चटाते हुए घुटनों पर लाए
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीडीएस और तीनों सेनाध्यक्षों के चेहरे पर मुस्कान यह दर्शाती है कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर और अन्य हमलों में दुश्मन को हर मोर्चे पर पराजित कर दिया है. साउथ ब्लॉक में सेना प्रमुखों की आधिकारिक वर्दी में ली गई तस्वीर यह भी स्पष्ट करती है कि भारतीय सेनाएं दुश्मन को जवाब देने के लिए हर समय तैयार हैं.
भारत और ईरान के बीच हुई बैठक
भारत और ईरान के बीच हुई बैठक पर विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है. बयान में बताया गया है कि भारत-ईरान की संयुक्त आयोग की बैठक कल नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और ईरान के विदेश मंत्री डॉ. अब्बास अराघची ने की. इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ईरानी पक्ष को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हाल में हुए आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों के बारे में जानकारी प्रदान की.