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औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 22, 20257 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की…

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

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ShivJan 22, 20252 min read

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा एक…

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय को अब पुराने…

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 22, 2025

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हाई कोर्ट की झूठी मुकदमेबाजी पर कड़ी टिप्पणी: कहा- जमानत नहीं देने का होना चाहिए ठोस आधार, याचिकाकर्ता को दी सशर्त जमानत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में फर्जी मुकदमों के बढ़ते चलन पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि झूठे आरोपों के जरिए किसी की छवि धूमिल करना या उसे जेल की हवा खिलाना अब आम बात हो गई है, जो न्यायिक प्रक्रिया के लिए बड़ा खतरा है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अगर कोई आरोपी जांच में सहयोग करने को तैयार है और कानून का दुरुपयोग नहीं कर रहा, तो उसे जेल भेजने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने एक अग्रिम जमानत के मामले में सशर्त जमानत मंजूर करते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते झूठे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो कि न सिर्फ न्यायिक प्रणाली बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है। कोर्ट ने कहा कि कानून में जो नए प्रावधान दिए गए हैं, उनका सही इस्तेमाल करके इन झूठे मुकदमों पर लगाम लगाई जा सकती है।

इस मामले में राजनांदगांव की परीशा त्रिवेदी और उनके चाचा आशीष स्वरूप शुक्ला की जमानत की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। विवाद एक छोटे से मामले से शुरू हुआ था, जब परीशा ने गलती से अपने देवर का मोबाइल उठा लिया और तुरंत उसे वापस करने की पेशकश की। लेकिन इस मामूली घटना को इतना तूल दिया गया कि यह एक कानूनी मुद्दा बन गया। पुलिस ने मामले की क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी थी, लेकिन फिर भी शिकायतकर्ता और राज्य सरकार के वकील ने जमानत का विरोध किया।

हाईकोर्ट ने दी सशर्त जमानत

कोर्ट ने परीशा को सशर्त जमानत दी और कहा कि जब भी जांच अधिकारी बुलाएं वह पेश होंगी। साथ ही गवाहों या अन्य संबंधित व्यक्तियों को प्रभावित करने से बचेंगी और अदालत की सुनवाई में बिना किसी बाधा के शामिल होंगी।